सत्ता में आने पर सीमाओं की नाकाबंदी का तीक़न , इसराईल की मिसाल

कांग्रेस पर वोट बैंक सियासत करने का इल्ज़ाम आइद करते हुए सदर बी जे पी नितिन‌ गडकरी ने आज कहा कि इन की पार्टी मुल़्क की बैन-उल-अक़वामी सरहदों की नाका बंदी करदेगी ताकि गै़रक़ानूनी दरअंदाज़ी का इंसिदाद किया जा सके। उन्हों ने कहा कि अगर बी जे पी बरसर-ए-इक़तिदार(मुल्को के बीच) आजाए तो हमारी अव्वलीन तर्जीह मुल़्क की सरहदों की नाका बंदी होगी।

अगर इसराईल दुश्मन ममालिक से घिरा हुआ है और अपनी सरहदों की नाका बंदी करसकता है तो हम क्यों नहीं करसकते। गडकरी ने कहा कि वो हिंद। चीन जंग की 50 वीं सालगिरा के मौके पर एक जलूस का इंतेज़ाम‌ करेंगे। बी जे पी क़ाइद ने हिंदूस्तान के क़ाइदीन पर ज़ोर दिया कि इसराईल के तजुर्बा से सबक़ हासिल करें जिस ने अपने दुश्मन अनासिर को दूर कर रखा है।

कांग्रेस पर तन्क़ीद करते हुए उन्हों ने कहा कि किसी भी मुल्क का दौरा करने केलिए हर शख़्स को वीज़ा की ज़रूरत होती है, कई दस्तावेज़ात दाख़िल करनी पड़ती हैं लेकिन हमारे मुल्क में सरहदें खुली हैं और गै़रक़ानूनी दर अंदाज़ हमारे मुल्क मे दाख़िल होते हैं , अराज़ी खरीदते हैं, जायदादें खरीदते हैं।

गडकरी ने कहा कि अगर हिंदूस्तान के ख़िलाफ़ नारे बाज़ी की जाय तब भी फ़िक्रमंदी की ज़रूरत नहीं है क्योंकि हर चीज़ की इजाज़त है, कांग्रेस को सिर्फ वोट ज़हन मे रखना ज़रूरी मालूम होता है। उन्हों ने कहा कि मौजूदा सूरत-ए-हाल की ज़िम्मेदारी कांग्रेस पर भी है। गै़रक़ानूनी दरअंदाज़ी मुल़्क की ख़ुदमुख़तारी केलिए एक ख़तरा है।

हमारी सरहदें अब भी ग़ैर महफ़ूज़ हैं, यही वजह है कि हमें 1962 की जंग में अपनी कोताहियों से सबक़ हासिल करना चाहीए और इस बात को यक़ीनी बनाना चाहीए कि ऐसी ग़लतीयों का इरादा ना हो। उन्हों ने इल्ज़ाम आइद किया कि आसाम में कांग्रेस क़ाइदीन फ़ख़्रउद्दीन अली अहमद से लेकर तरूण गोगोई तक तमाम ने गै़रक़ानूनी दरअंदाज़ों की हौसलाअफ़्ज़ाई की है।

गडकरी ने कहा कि हिंदूस्तान और चीन अलग‌ तौर पर आलमी अमन और‌ ख़ुशहाली केलिए काम करसकते हैं, लेकिन इलाक़ाई सतह पर मुल़्क इन खतरों को नजरअंदाज़ नहीं करसकता जो मलिक को दरपेश हैं। उन्हों ने चीन के पाकिस्तान ज़ेर-ए-क़ब्ज़ा कश्मीर में इनफ़रास्ट्रक्चर की तामीर मे शामिल‌ होने की इत्तिलाआत का हवाला देते हुए कहा कि इस के बावजूद जब हम अपने मुल्क का दिफ़ा करने की बातें करते हैं तो हमें फिरखाप‌रस्त क़रार दिया जाता, क्या वोट बैंक सियासत ने हमें हर चीज़ के बारे में बेहिस करदिया है।

बी जे पी के सदर ने कहा कि आसाम मे हालिया मसला फ़िर्कापरस्ती पर मबनी नफ़रत का नहीं था बल्कि ये हिंदूस्तानियों और ग़ैरमुल्कियों के दरमयान जद्द-ओ‍जहद(कोशिश‌/लड़ाई) का मसला था। उन्हों ने ऐलान किया कि बी जे पी मुल़्क की आम हालत और मईशत, बेरोज़गारी और काश्तकारों की ख़ुदकुशीयाँ वग़ैरा का जायज़ा लेगी और सूरत-ए-हाल तबदील करदेगी