सत्यम कंप्यूटर्स चीफ रामालिंगा राजू और रामा राजू को 6 महीने की सजा

Special economic crimes court ने सत्यम घोटाले में फैसला सुनाते हुए रामालिंगा राजू और उनके भाई रामा राजू को 4 केस में 6 महीने की सजा सुनाई है. पांच केसों में 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है|

इसके अलावा कंपनी के दूसरे डायरेक्टर राम मिनाम पति को भी दो मामलों में 6 महीने की जेल और 10 लाख जुर्माना लगाया है| बाकी मुल्ज़िमों पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है| सेबी की ओर से दाखिल किए गए केस में कोर्ट 23 दिसंबर को फैसला सुनाएगा|

कॉर्पोरेट सेक्टर के इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश सात जनवरी 2009 को हुआ था| सत्यम कम्प्यूटर्स सर्विसेज लिमिटेड के बानी और साबिक सदर बी रामलिंगा राजू ने कंपनी के खाते में छेड़छाड़ कर कई सालों से करोड़ों रुपये मुनाफा कमाने की बात कुबूल की| इसके दो दिनों बाद आंध्र प्रदेश की क्राइम ब्रांच ने उन्हें और उनके भाई बी रामा राजू को गिरफ्तार कर लिया|

सीबीआई ने फरवरी 2009 में जांच शुरू की| उसी साल सात और 24 अप्रैल और सात जनवरी 2010 को तीन अलग-अलग चार्जशीट दाखिल किए| सुनवाई के दौरान सीबीआई ने इससे घोटाले से शेयर होल्डर्स को 14000 करोड़ रुपये नुकसान होने का इल्ज़ाम लगाया जबकि बचाव फरीक के वकील ने कहा कि मुल्ज़िम इसके लिए जिम्मेदार नहीं है और इस मामले में सीबीआई की तरफ से दाखिल सभी दस्तावेज नकली होने के साथ ही कानूनी नहीं हैं|

इस मामले के अहम दस मुल्ज़िमों में बी रामलिंग राजू, कंपनी के साबिक मैने‍जिंग डायरेक्टर बी रामा राजू, साबिक सीएफओ वडलामणि श्रीनिवास, साबिक पीडब्ल्यूसी ऑडिटर सुब्रमणि गोपालकृष्णन और टी श्रीनिवास राजू के एक और भाई बी सूर्यनारायण राजू, साबिक मुलाज़िम जी रामकृष्ण डी वेंकटपति राजू और साबिक इंटरनल चीफ ऑडिटर वी एस प्रभाकर गुप्ता शामिल हैं|