सदर अस्पताल को ज़ाती हाथों में सौंपने की मुखालिफत

दारुल हुकूमत के कई अहम डॉक्टरों ने सदर अस्पताल को आम लोगों का फ्री अस्पताल बनाये रखने की मांग करते हुए इसे ज़ाती हाथों में सौंपने का मुखालिफत किया है़।

बुध को पुरूलिया रोड वाकेय एक्सआइएसएस में झारखंड नागरिक प्रयास के बैनर तले जुटे डॉ सिद्धार्थ मुखजी, डॉ करुणा झा, डॉ नीलम सक्सेना, डॉ रेणुका तिर्की, डॉ आनंद सिन्हा, डॉ सुषमा सिन्हा, डॉ आरके जायसवाल और दीगर ने कहा कि सदर अस्पताल को किसी भी हालत में ज़ाती हाथों में नहीं सौंपा जाये। दारुल हुकूमत के सेंटर में आम लोगों का अस्पताल जरूरी है।

दारुल हुकूमत और आसपास के इलाकों में 25 लाख से ज़्यादा लोग रहते हैं। इनमें 80 से 90 फीसद लोगों को कम खर्च में इलाज चाहिए। कुछ मरीजों के खर्चीले इलाज के लिए सुपर स्पेशियलिटी बनाने के मक़सद से सदर अस्पताल को ज़ाती हाथों में सौंपना गैर एखलाकी, गैर मुंसिफ़ाना और आवाम मुखालिफत है़ तमाम ने दाखिल तौर से कहा कि मेदांता अपना सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खोले, पर सरकारी जमीन पर नहीं।