सदर इसराईल शमऊन पेरीज़ ने आज कहा कि वो सदर ईरान हसन रुहानी से मुलाक़ात पर आमादा हैं, हालाँकि दोनों ममालिक एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं। मआशी फ़ोरम में इमकानी मुलाक़ात के बारे में सवाल का जवाब देते हुए शमऊन पेरीज़ ने कहा कि क्यों नहीं, क्या मेरे दुश्मन नहीं हैं? लेकिन सवाल शख़्सियात का नहीं बल्कि पॉलिसीयों का है।
उन्हों ने कहा कि मुलाक़ात का मक़सद दुश्मनों को दोस्त बनाना है। सदर इसराईल का इसराईल में सिर्फ़ अलामती और रिवायती किरदार है। उन्हों ने याद दहानी की कि वो वक़्त भी था जब कि हम ने मुलाक़ात नहीं की थी, मिसाल के तौर पर फ़लस्तीनी क़ाइद यासिर अर्फ़ात से उस वक़्त तक मुलाक़ात नहीं की गई, जब तक कि उन की तंज़ीम पी एल ओ ने इसराईल को तस्लीम नहीं किया।
उन्हों ने कहा कि हमारी कोशिशों का मर्कज़ तवज्जा इस बात को यक़ीनी बनाना होना चाहीए कि ईरान बाक़ी दुनिया के लिए न्यूक्लीयर ख़तरा बनने ना पाए। इसराईल मशरिक़े वुस्ता में गैर मोअल्लना न्यूक्लीयर ताक़त है।
ईरान ने अब तक इसराईल को तस्लीम नहीं किया है जब कि इसराईल कई बार ईरान के ख़िलाफ़ फ़ौजी कार्रवाई की धमकी दे चुका है ताकि ईरान के न्यूक्लीयर ख़तरा का इंसिदाद किया जा सके जो इसराईल के बाक़ौल पूरी दुनिया के लिए लाज़िमी ख़तरा है।
हसन रुहानी के सदर मुंतख़ब होने के बाद ईरान की पॉलीसी में नुमायां तबदीली आई है।