सदर क़ौमी कमीशन बराए ख़वातीन के सेक्सी तबसिरे पर इस्तीफ़ा का मुतालिबा

सदर नशीन क़ौमी कमीशन बराए ख़वातीन ममता शर्मा के इस तबसिरे पर कि लफ़्ज़ सेक्सी को मनफ़ी रुजहान का हामिल नहीं समझा जाना चाहीए, उन्हें ख़वातीन की ब्रहमी का सामना हो रहा है। ख़वातीन के हुक़ूक़ के अलमबरदार कारकुनों ने उनके इस्तीफ़ा का मुतालिबा किया है।

जब कि ममता शर्मा ने उन पर तन्क़ीद के जवाब में अपने तबसिरा की एहमीयत कम करने की कोशिश करते हुए कहा है कि इनका ये तबसिरा वसीअ तनाज़ुर में किया गया था। वो जो चाहे कह सकती हैं, बशर्तिके ये उन का शख़्सी नज़रिया हो, लेकिन बहैसीयत सदर नशीन क़ौमी कमीशन बराए ख़वातीन वो इस किस्म के मज़हकाख़ेज़ ब्यानात जारी नहीं कर सकतीं।

यहां तक कि क़ानून भी कहता है कि इनका ये तबसिरा ख़वातीन के लिए परेशानकुन सूरत-ए-हाल पैदा करने के मुतरादिफ़ है। पी यू सी एल की जनरल सैक्रेटरी कवीता सरयू अस्तिव ने कहा कि इनके तबसिरे का कुछ भी मतलब हो, लेकिन हम उसे तशद्दुद को फ़रोग़ देने के मुतरादिफ़ समझते हैं। उन्होंने कहा कि ममता शर्मा को अपने ग़ैर ज़िम्मा दाराना तबसिरे की ज़िम्मेदारी क़बूल करते हुए अपने ओहदा से फ़ौरी मुस्ताफ़ी हो जाना चाहीए।

ममता शर्मा ने कल जयपुर की एक तक़रीब में कहा था कि लफ़्ज़ सेक्सी का मतलब हस्न और दिलकश होता है, उसे मनफ़ी मानों में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहीए।