सदर जम्हूरिया से रहम की फरीयाद : अजमल कस्साब

26/11 को मुंबई पर हुए दहशतगर्दी हमले में फांसी की सजा पाए मुल्ज़िम अजमल कस्साब ने मंगल को सदर जम्हूरिया प्रणब मुखर्जी से रहम की फरीयाद मांगी। आर्थर रोड के जेलर ने सदर जम्हूरिया ( राष्ट्रपती )के दफ्तर में कस्साब की दरखास्त पेश की।

गौरतलब है कि इसी साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने बांबे हाईकोर्ट और खुशुसी अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए कस्साब ‌को फांसी की सजा सुनाई थी। जस्टिस आफताब आलम की सदारत वाली दो रुकनी बंच ने कहा था कि सबूतों से पता चलता है कि कस्साब हिंदुस्तान के खिलाफ जंग छेड़ने की साजिश में शामिल था इसलिए उसकी फंसी की सजा कम नहीं की जा सकती है।

ऐसे हमले बर्दाश्त करने लायक नहीं है। ऐसे गुनाह की सबसे बड़ी सजा मिलनी चाहिए क्योंकि मुल्क की आज़ादी पर हमला हुआ है।

कस्साब नौ पाकिस्तानी दहशतगर्दों के साथ 26 नवंबर, 2008 को कराँची से समुद्र के रास्ते जुनूबी मुंबई पहुंचा था। इसके बाद इन दहशतर्दों ने मुंबई के, कई मुकामों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें 166 लोग हलाक हो गये थें। इस दहशतगर्दी हमले के दौरान सिक्योरिटी फोर्स के साथ हुई मुठभेड़ में नौ पाकिस्तानी दहशतगर्द मारे गए थे, जबकि कस्साब को जिंदा पकड़ा गया था।