सदर नशीन रियासती अकलियती कमीशन आबिद रसूल ख़ां ने आज रुकन सरदार सुरजीत सिंह के साथ अनीस उलगुरबा यतीम ख़ाने का दौरा किया।
एग्जीक्यूटिव ऑफीसर नदीम अहमद के अलावा वक़्फ़ बोर्ड के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर ग़फ़्फ़ार भी इस मौके पर मौजूद थे। ओहदेदारों ने सदर नशीन को बताया कि इस यतीम ख़ाने में 6 ता 12 साल की उम्र के यतीम लड़के और लड़कियां मौजूद हैं जो स्कूल भी जाते हैं।
ये सब रूस डे स्कूल में तालीम हासिल करते हैं जो इंग्लिश मीडियम है। ओहदेदारों ने बताया कि इन तलबा को बसों से भेजने का इंतेज़ाम किया गया है।
ये इदारा 2009 में हिंदु इन्दोमेंट्स से वक़्फ़ बोर्ड को मुंतक़िल करदिया गया है। ये इदारा एक छोटी इमारत में है जो 500 मुरब्बा गज़ पर है और ये इमारत काफ़ी पुरानी भी है।
बताया गया कि ग्राउंड फ़्लोर पर कुछ किराये दार भी इदारा की जायदाद पर क़ाबिज़ हैं और बहुत मामूली किराया अदा करते हैं। इसके अलावा इदारे के तहत दूसरी जायदादें भी हैं जिन पर क़बज़े हैं। सदर नशीन अकलियती कमीशन ने मुख़्तलिफ़ नकात पर सवाल करते हुए ओहदेदारों को हिदायत दी कि वो उन पर अंदरून तीन दिन एक रिपोर्ट तैयार करते हुए कमीशन को पेश करें।
कमीशन ने इस यतीम ख़ाने के ताल्लुक़ से 31 अगसट से पहले हुकूमत को अपनी सिफ़ारिशात पेश करने का फैसला किया है। यतीम ख़ाने के बच्चों ने उन्हें दी जाने वाली सज़ाव की शिकायत की।
सदर नशीन अकलियती कमीशन ने इन्सपेक्टर नामपली और नदीम अहमद को हिदायत दी कि ज़ाकिर और महमूद नामी दो अफ़राद के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा दर्ज किया जाये और उन्हें रिपोर्ट पेश की जाये। इदारे में डक्टर की अदमे मौजूदगी का भी पता चला।