सदर नशीन हज कमेटी के चुनाव की इजाज़त से इनकार

इलेक्शन कमीशन ने रियासती हज कमेटी के सदर नशीन के चुनाव की इजाज़त देने से इनकार कर दिया है। वाज़िह रहे कि हज कमेटी ने सदर नशीन के चुनाव के सिलसिले में मीटिंग की तलबी के बारे में कमीशन से वज़ाहत तलब की थी।

बावसूक़ ज़राए ने बताया कि इलेक्शन कमीशन ने आज महिकमा अक़लियती बहबूद को जवाब रवाना करते हुए वाज़िह कर दिया कि 28मई 2014 तक हज कमेटी सदर नशीन के चुनाव मुनाक़िद नहीं किए जा सकते।

कमीशन ने वाज़िह किया कि चुनाव ज़ाबता अख़लाक़ के सबब उसकी इजाज़त नहीं दी जा सकती। इलेक्शन कमीशन की इस वज़ाहत के बाद अब हज कमेटी की तशकील के इमकानात ख़त्म होचुके हैं क्युंकि 2 जून को रियासत की तक़सीम के साथ ही मुत्तहदा आंध्र प्रदेश में तशकील दी गई हज कमेटी का वजूद बेमानी होजाएगा।

दूसरी तरफ़ हज कमेटी एक्ट 2002 के तहत भी सदर नशीन के चुनाव की मोहलत ख़त्म होचुकी है। हुकूमत ने 13 फ़बरोरी को 16 अरकान पर मुश्तमिल हज कमेटी तशकील दी थी और हज कमेटी एक्ट के तहत अंदरून 45 यौम सदर नशीन का चुनाव किया जाना चाहीए। ये मुद्दत भी 30 मार्च को ख़त्म होचुकी है।

एक तरफ़ 45 दिन की मुद्दत का गुज़र जाना और दूसरी तरफ़ इलेक्शन कमीशन की तरफ से सदर नशीन के चुनाव की इजाज़त से इनकार के सबब अब मौजूदा अरकान की बरक़रारी पर भी सवालिया निशान लग चुका है। बताया जाता हैके अज़ रोय क़ानून अब हुकूमत को नई कमेटी तशकील दीनी पड़ेगी ताहम इस सिलसिले में महिकमा क़ानून हकूमत-ए-हिन्द से वज़ाहत तलब की गई है।