बेरूत, ०९ नवंबर (ए पी) सदर शाम बशर अल असद ने अह्द किया कि वो शाम में ही ज़िंदा रहेंगे और मरेंगे उन्होंने एक इंटरव्यू देते हुए जिसे आज नशर ( प्रसारण) किया गया, कहा कि वो मुल्क से कभी फ़रार नहीं होंगे हालाँकि 19 माह से उन के ख़िलाफ़ खूँरेज़ बग़ावत जारी है।
उन के इस इंटरव्यू को एक ऐसे वक़्त नशर किया गया है जबकि वज़ीर-ए-आज़म बर्तानिया डेविड कैमरोन ने दो दिन क़बल पेशकश की थी कि सदर बशर अल असद को मुल्क से बाहर जाने महफ़ूज़ राहदारी फ़राहम की जाएगी ताकि ख़ानाजंगी (गृह युद्व) का ख़ातमा यक़ीनी हो सके, जिस में एक तख़मीना ( अनुमान) के मुताबिक़ अब तक 36 हज़ार अफ़राद हलाक हो चुके हैं।
बशर अल असद अपने इंटरव्यू में कहा कि में शामी ( Syrian) हूँ, मुझे शाम में एक मुक़ाम हासिल है में यहीं जीयूंगा और यहीं मरूंगा। उन्होंने ग़ैरमुल्की फ़ौजी मुदाख़िलत ( हस्तक्षेप) के ख़िलाफ़ इंतिबाह ( Warning)दिया जबकि मग़रिब की जानिब से अपोज़ीशन की हौसलाअफ़्ज़ाई के इक़दामात ( कार्यनिष्पादन) किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उन के ख़्याल में मग़रिबी ममालिक शाम का रुख़ नहीं करेंगे। अगर ऐसा करें तो कोई भी नताइज की पेश क़ियासी नहीं कर सकता। दरीं असना कम अज़ कम 16 शामी फ़ौजी और 10 बाग़ी आज शुमाल मशरिक़ी क़स्बा रास उल-ऐन में जो तुर्की सरहद से क़रीब वाक़्य ( मौजूद/ स्थित) है, ख़ौफ़नाक झड़पों में हलाक हो गए।
शाम के बाग़ीयों की आज़ाद शामी फ़ौज की बटालियन कुरद अक्सरीयती क़स्बा में दाख़िल हो गईं और 2 महाज़ों पर जारिहाना कार्रवाई का आग़ाज़ कर दिया। एक मुक़ामी शहरी के बमूजब ( मुताबिक) बाग़ीयों ने सरहदी चौकीयों पर सहर से पहले धावा बोल दिया और रास उल-ऐन की फ़ौजी चौकीयों पर हमले किए।
शामी सरकारी टी वी के बमूजब ( मुताबिक) बाग़ी सरहद पार करके तुर्की में दाख़िल हो गए। टी वी पर हुकूमत ने दावा किया कि फ़ौजीयों में बीसियों दहशतगर्दों को उस वक़्त हलाक कर दिया जबकि वो रास उल-अयन पर हमला करने वाले थे।