एन डी ए के हिमायत याफ़ता सदारती उम्मीदवार पी ए संगमा ने आज कहा कि सदारती इंतिख़ाबात पार्टी ख़ुतूत पर मुनाक़िद (आयोजित) नहीं किए जाते और हर शख़्स को हक़ है कि वो अपनी ज़मीर की आवाज़ पर वोट दे । वो एक प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वो आज सदारती इंतिख़ाबात ( राष्ट्रपति चुनाव) में तमाम अरकान पार्लीमेंट और अरकान असैंबली से अपील करना चाहते हैं कि वो सयासी पार्टियों की बुनियाद पर अपने हक़ राय दही (मतदान) का इस्तेमाल ना करें क्योंकि सदारती इंतिख़ाबात सयासी पार्टियों से बालातर हैं।
उन्होंने कहा कि सदारती इंतिख़ाबात में उम्मीदवार किसी एक सयासी ( राजनितिक) पार्टी का नहीं हुआ करता। संगमा ने कहा कि परनब मुकर्जी कांग्रेस के उम्मीदवार नहीं हैं। उन्होंने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है और आज़ादाना ( आजादी/ स्वतंत्रता पूर्वक) तौर पर मुक़ाबला कर रहे हैं। वो एक आज़ाद उम्मीदवार हैं।
उन्होंने कहा कि दस्तूर के मुताबिक़ सदारती इंतिख़ाबात खु़फ़ीया राय दही ( मतदान) के ज़रीया मुनाक़िद किए जाते हैं और विहिप किसी भी सयासी पार्टी की जानिब से जारी नहीं किया जाता । अगर कोई सयासी पार्टी विहिप जारी है तब भी वो कारआमद नहीं होता। हर शख़्स को ज़मीर की आवाज़ के मुताबिक़ वोट देने का हक़ है।
उन्होंने कहा कि 1969 में भी ज़मीर की आवाज़ पर वोट देने का वाक़िया पेश आया था जिस में वी वी गिरी कामयाब हुए। उन्होंने हर शख़्स से अपील की कि वो इस वाक़िया का इआदा करे। उन्होंने कहा कि इन की क़ानूनी टीम का एक इजलास ( सभा) शाम में इन की क़ियामगाह पर मुनाक़िद( आयोजित) किया जाएगा जिस में जनता पार्टी के सदर ( अध्यक्ष) सुब्रामणियम स्वामी भी शिरकत करेंगे ।
इलेक्शन कमीशन ने कल संगमा के हामियों की यू पी ए उम्मीदवार परनब मुकर्जी की नामज़दगी ( नामांकन) के ख़िलाफ़ पेश करदा दरख़ास्त ये कहते हुए मुस्तर्द ( रद्द) कर दी थी कि ये दरख़ास्त इलेक्शन कमीशन के लिए काबिल-ए-क़बूल नहीं है । संगमा के हामियों ने दरख़ास्त में कहा था कि सदारती उम्मीदवार के रिटर्निंग ऑफीसर के फैसला के ख़िलाफ़ वो अपील करते हैं जिन्होंने यू पी ए उम्मीदवार परनब मुकर्जी के पर्चा जात नामज़दगी उन के एतराज़ के बावजूद कुबूल कर लिए ।
इस बुनियाद पर कि वो मुबय्यना ( कथित) तौर पर मुनाफ़ा बख्श ओहदा पर फ़ाइज़ हैं, उन के ख़िलाफ़ दरख़ास्त पेश की गई थी।