सदारती चुनाव ने आज एन डी ए में मज़ीद (और भी) फूट डाल दी जबकि बी जे पी ने पी ए संगमा के लिए ताईद ( समर्थन) का ऐलान कर दिया और जे डी (यू) यू पी ए नामज़द परनब मुकर्जी की हिमायत कर रही है, जिस के साथ वो शिवसेना के बाद अपोज़ीशन इत्तिहाद ( एकता) की सफ़ों से निकलने वाली दूसरी हलीफ़ ( दोस्त) जमात बन गई।
बी जे पी और जनता दल (यूनाईटेड) के क़ाइदीन ( लीडर) ने एक दूसरे से अंदरून एक घंटा अलैहदा प्रेस कान्फ्रेंस मुनाक़िद ( आयोजित) करते हुए इस चुनाव के लिए हरीफ़ (प्रतिद्वंद्वी) उम्मीदवारों के लिए ताईद ( समर्थन) का ऐलान किया, जो 19 जुलाई को मुनाक़िद शुदणी हैं, जिस में मुकर्जी को लग भग 11 लाख वोटों के मिनजुमला अपने हक़ में 5.88 लाख वोट के साथ वाज़िह बरतरी (सपष्ट बढत) हासिल है।
संगमा को सिर्फ 3.10 लाख वोट मिलने की तवक़्क़ो ( संभावना) है। बी जे पी क़ाइदीन ( लीडर) सुषमा स्वराज और अरूण जेटली ने कहा कि पार्टी ने ए आई ए डी एम के और बी जे डी की जानिब से तजवीज़ कर्दा संगमा की उम्मीदवारी की ताईद का फ़ैसला किया जबकि इस मसला पर अंदरून एन डी ए इत्तिफ़ाक़ ( संयोग) राय पैदा करने की कोशिश नाकाम हुई।
उन्होंने निशानदेही की कि जे डी (यू) और शिवसेना ने संगमा की ताईद पर इत्तिफ़ाक़ (सहमती) नहीं किया और इसकी बजाय मुकर्जी की हिमायत की लेकिन ज़ोर दिया कि इस का एन डी ए के संजीदा इत्तिहाद (संतुलित एकता/ एकता के संतुलन ) पर असर नहीं पड़ेगा।
सुषमा ने कहा कि बी जे पी कोशिश करेगी कि तृणमूल को भी जो यू पी ए से दूर है, अपने साथ शामिल कर लिया जाये और इस ज़िमन में बातचीत जारी है। बादअज़ां जे डी (यू) सरबराह शरद यादव ने मुकर्जी के लिए ताईद का ऐलान किया और कहा कि साबिक़ सदर ए पी जे अब्दुल कलाम के इंतिख़ाबी ( चुनावी) मैदान में दाख़िले से इनकार के बाद उनकी पार्टी कोई भी मुक़ाबला आराई की मुख़ालिफ़ (विरोधी) है।
शरद यादव बादिक़्क़त तमाम ( कठिनता पूर्वक) ज़ोर दिया कि वो एन डी ए का हिस्सा हैं लेकिन मौजूदा हालात में, वो ऐसे उम्मीदवार की हिमायत कर रहे हैं जिस पर इत्तिफ़ाक़ राय ( सहमती) हो चुका है। जे डी (यू) सरबराह ने कहा कि एन डी ए में दाख़िली तौर पर इत्तिफ़ाक़ राय उस वक़्त तक था जब तक साबिक़ सदर अब्दुल-कलाम इंतिख़ाबी ( चुनावी) दौड़ में थे।
ताहम ( यद्वपी) कलाम की अलहैदिगी के बाद मुख़्तलिफ़ ( अलग अलग) और कई नाम उभरने लगे। यू पी ए के पास टी एम सी के बगै़र 4.12 लाख की वोट क़दर है। ताहम ( फिर भी) एस पी के 66,688 वोटों, बी एस पी के 45,473, जे डी (यू) के 40,737, शिवसेना के 18,495 और जे डी (एस) के 6,138 की हिमायत के साथ मुकर्जी 5,49,442 वोटों की दरकार ( वांछित) तादाद से कहीं बढ़ कर वोट हासिल कर सकते हैं।
दूसरी तरफ़ ग़ैर मुनक़सिम (विभाजित) एन डी ए के पास 3.04 लाख वोट थे, जो जे डी (यू) और शिवसेना की दूरी के बाद घट कर 2.43 लाख हो गए। अना डी एम के और बी जे डी के 36,920 और 30,125 वोट हैं। अमलन संगमा 3.10 लाख वोट जुटा सकते हैं। तृणमूल कांग्रेस के पास 45,925 वोट हैं लेकिन पार्टी को हनूज़ ( अभी ) फ़ैसला करना है कि किस की हिमायत की जाये।
दरीं असना संगमा ने बी जे पी की ताईद का ख़ौरमक़दम ( स्वागत) करते हुए जे डी (यू) और शिव सेना से अपनी हिमायत ( मदद/ समर्थन) के लिए अपील की।