बी जे पी ने सदारती इंतिख़ाब ( राष्ट्रपती चुनाव) में मुक़ाबला करने और साबिक़ स्पीकर लोक सभा मिस्टर पी ए संगमा की ताईद करने के फैसले की आज मुदाफ़अत ( बचाव/ निवारण) की और कहा कि सदारती ओहदा के लिए इंतिख़ाब जम्हूरियत ( प्रजा तंत्र) का अटूट हिस्सा है ।
पार्टी तर्जुमान ( spokes person) मिस्टर रवी शंकर प्रसाद ने अख़बारी नुमाइंदों (पत्रकारों) से बात चीत करते हुए कहा कि सदारती ओहदा के लिए इंतिख़ाब ना सिर्फ जम्हूरियत ( प्रजातंत्र) के लिए अच्छी बात है बल्कि ये जम्हूरियत का अटूट हिस्सा है ।
उन्होंने कहा कि 1977 में डाक्टर नीलम संजीवा रेड्डी के सिवा तमाम सदारती इंतिख़ाबात में मुक़ाबला हुआ है और मिस्टर परनब मुकर्जी के ख़िलाफ़ मिस्टर पी ए संगमा की ताईद करना बी जे पी का दुरुस्त फैसला है । उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि बी जे पी मुत्तफ़िक़ा इंतिख़ाब ( एक राय के चुनाव) के हक़ में नहीं थी बल्कि यू पी ए ने ही इस सिलसिला में पहल नहीं की ताकि अपोज़ीशन ( विपक्ष) के साथ इत्तिफ़ाक़ ( सहमती) राय पैदा हो सके ।
उन्होंने कहा की यू पी ए के उम्मीदवार मिस्टर परनब मुकर्जी फ़िलहाल मुल्क के वज़ीर फायनेन्स भी हैं और मआशी मसाइल ( आर्थिक समस्याओ) से निमटने इनके तर्ज़ कारकर्दगी (गतीविधीयों) के ख़िलाफ़ भी विरोधी इन के ख़िलाफ़ मुक़ाबला का फैसला किया गया है ।
इस दौरान बी जे पी के हिमायती उम्मीदवार मिस्टर पी ए संगमा ने यू पी ए उम्मीदवार मिस्टर परनब मुकर्जी से मुबाहिस ( बहश) की ख़ाहिश ज़ाहिर है ताहम ( यद्वपी) कांग्रेस पार्टी ने इस ख़ाहिश को मुस्तर्द (रद्द) कर दिया है ।