सदारती इंतेख़ाबात में मुक़ाबला मुतवक़्क़े

मुशतर्का मसाएल पर इलाक़ाई पार्टीयों के हालिया इत्तेहाद के पेशे नज़र आइन्दा सदारती इंतेख़ाबात ऐसा मालूम होता है कि अपोज़ीशन के उम्मीदवार से मुक़ाबला की शक्ल में ज़हूर पज़ीर होंगे। बशर्ते के बरसर‍ ए‍ इक़्तेदार यू पी ए इत्तेफ़ाक़ राय पैदा करने से क़ासिर रहे। नायब सदर के इंतेख़ाब के लिए जो सदारती इंतेख़ाब के फ़ौरी बाद मुनाक़िद होगा लो और दो का फार्मूला इख्तेयार किए जाने का भी इम्कान है इसी तरह बरसर ए इक़्तेदार मख़लूत हुकूमत अपने नामज़द उम्मीदवार के लिए अपोज़ीशन के साथ इत्तेफ़ाक़ राय पैदा कर सकती है।

कांग्रेस, बी जे पी और इनकी मुताल्लिक़ा हलीफ़ पार्टीयां इलेक्ट्रॉल कालेज में अक्सरीयत नहीं रखतीं। चुनांचे उन्हें दीगर सयासी पार्टीयों की बैरूनी ताईद की ज़रूरत होगी ताकि वो अपने उम्मीदवारों को मुंतखिब करवा सकें। बशर्ते कि वो मुक़ाबला के लिए तैयार ना हों।

कांग्रेस को जुमला वोटों का 31 फ़ीसद, बी जे पी को 24 फ़ीसद हासिल है। यू पी ए जुमला वोटों के सिर्फ 40 फ़ीसद से बी जे पी सबक़त रखती है। गुज़श्ता इंतेख़ाबात की बनिस्बत एन डी ए को इस बार 30 फ़ीसद से भी कम वोट हासिल हैं। चुनांचे तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, अना डी एम के, बी एस पी और बी जे डी को आइन्दा सदारती इंतेख़ाबात में नुमायां एहमीयत हासिल रहेगी।

इन पार्टीयों ने अपने अपने उम्मीदवारों के नाम भी पेश करना शुरू करदिए हैं। गुज़श्ता मर्तबा बाएं बाज़ू की पार्टीयों ने प्रतिभा पाटिल का नाम तजवीज़ किया था जो ग़ैर मुतवक़्क़े उम्मीदवार थीं और उन्होंने बुला रुकावट कामयाबी हासिल कर ली थी। अब सदारती इंतेख़ाबात के लिए 4 माह से भी कम अर्सा बाक़ी है।

लेकिन इस बार अब तक कोई इम्कानी उम्मीदवार की हैसियत से नहीं उभरा है। क़ियास आराईयां हैं कि वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह का नाम पेश किया जाएगा।