यौम जम्हूरिया पर सदर परनब मुखर्जी की तरफ़ से दी जाने वाली दावत में इस बार आम लिबास में, गले में मफ़लर लपेटे पहुंचे दिल्ली के वज़ीर-ए-आला अरविंद केजरीवाल तवज्जो के मर्कज़ रहे| दावत सदारती महल के वसीअ अहाता में दिया गया, सदर मुखर्जी की तरफ़ से मेहमानों, ख़ास लोगों, नौकरशाहों और सफ़ीरों को मुबारकबाद देने के बाद लोगों ने महसूस किया कि यहां के नए वज़ीर-ए-आला उनके दरमयान मौजूद हैं|
वज़ीर-ए-आला से तआरुफ़ के लिए लोग एक-दूसरे से धक्का-मुक्की करते देखे गए| ख़बरों में छाए रहने वाले साबिक़ नौकरशाह, समाजी कारकुन से बात करने के लिए कुछ ग़ैर मुल्की मुअज़्ज़िज़ भी लपके| केजरीवाल ने पूछे गए सवालात के जवाब इंतिहाई इत्मेनान से दिए| हाल के धरने के पीछे उन की मंशा क्या थी, ये बताया और आम आदमी पार्टी (आप) को चौतरफ़ा तन्क़ीद के मर्कज़ में लाने वाले सोमनाथ भारती के हालिया मुतनाज़ा कार्रवाई और उनकी बयानबाज़ी का दिफ़ा भी किया|
हालत ये रही कि एक दल हटता था तो दूसरा उनके पास जमा हो जाता था| यहां तक कि सब से ज़्यादा मेहमान जब जा चुके थे तब भी केजरीवाल को घिरे रहे| किसी ने सदर के यौम जम्हूरिया के मौके पर दिए गए मुत्तहदा के नाम ख़िताब में शायद उन्हें मक़ासिद की गई तबसरा कि ” लोकआयुक्त अफ़रातफ़री हुकूमत का इख़तियार क़तई नहीं हो सकता ” केजरीवाल ने बड़ी आसानी से जवाब दिया| हमें इस मौज़ू पर बहस शुरू करनी चाहिए|
प्रोग्राम में मोबाइल फ़ोन रखना अगरचे हराम किया गया था फिर भी बहुत से लोग मोबाइल कैमरे से केजरीवाल की तस्वीर लेते देखे गए| उनकी तस्वीर लेने वालों में मध्य प्रदेश से कांग्रेस के अक़लियती सेल से लीडर क़ाज़ी आसिफुद्दीन भी शामिल थे| आसुफुद्दीन ने कहा कि वो केजरीवाल के प्रस्तार हैं|