यमन की राजधानी सनआ के करीब सैन्य करवाई समाप्त हो चुका है। यह बात यमन के संसदीय कार्य राज्य मंत्री और शूरा कौंसिल उस्मान मजली ने शुक्रवार को अल अर्बिया समाचार चैनल से बातचीत करते हुए कही।
उस्मान मजली का कहना है कि आदिवासी प्रमुखों और स्थानीय बड़ों ने हूसी मिलिशिया और पूर्व राष्ट्रपती अब्दुल्ला सालेह के वफादार बलों और सऊदी अरब के नेतृत्व में गठबंधन बलों के बीच लड़ाई में राष्ट्रपति मंसूर हादी कानूनी सरकार की जिम्मेदारी शुरू कर दिया है।
सनआ में हूसी शिया विद्रोहियों ने सितंबर 2014 से राष्ट्रपति अब्दुल रब्बा मंसूर हादी के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह के बाद से कब्जा कर रखा हे। राजधानी पर कब्जे के बाद कई क़बाईली भी हूसी विद्रोहियों के साथ मिल गए थे और कई लोगों ने इस लड़ाई में तटस्थ रहने का फैसला किया था।
गठबंधन बलों ने सनआ और हूसी विद्रोहियों के आयोजित दूसरे क्षेत्रों में हवाई अभियान तेज कर रखी है और हाल के दिनों में इस लड़ाकू विमानों की बमबारी में हूसीयों और अली सालेह के वफादार बलों को भारी जानी नुकसान उठाना पड़ा है जबकि यमन के विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रपति मंसूर हादी के वफादार बलों और हूसी विद्रोहियों के बीच जमीनी लड़ाई में भी तीव्रता आ चुकी है जिसके मद्देनजर यह कहा जा रहा है कि यमनी सरकार के वफादार सेना बहुत जल्द सनआ में भी फिर से अपनी डोमेन स्थापित करने में सफल हो जाएंगे।