सनातन संस्था को दहशतगर्द तंज़ीम क़रार देने महाराष्ट्र की सिफ़ारिश

मुंबई, १० नवंबर (पीटीआई) हुकूमते महाराष्ट्र ने बंबई हाइकोर्ट को आज मतला (सूचित) किया कि उसने मर्कज़ से सिफ़ारिश की है कि दाएं बाज़ू की इंतिहा-ए-पसंद जमात सनातन संस्था को गै़रक़ानूनी सरगर्मियों के इंसिदाद (रोक थाम) से मुताल्लिक़ क़ानून (यू ए पी ए) के तहत दहशतगर्द तंज़ीम(संगठन)क़रार दिया जाए।

ताहम रियास्ती हुकूमत ने अभिनव भारत पर इस क़ानून के तहत इमतिना(पाबंदी) आइद करने के बारे में हनूज़ ( अभी तक) कोई फ़ैसला नहीं किया है। महाराष्ट्र के इन्सिदाद-ए-दहशत गर्दी स्क़्वाएड (एटीएस) ने रियास्ती हुकूमत से सिफ़ारिश की थी कि अभीनव भारत पर पाबंदी लगा दी जाए क्योंकि इसके अरकान मुबय्यना तौर पर 2008 में दहशतगर्दियों में मुलव्वस पाए गए हैं जिन्होंने मालेगावं में दहशतगर्द वाक़ियात का इर्तिकाब (बुरा काम) किया था।

चुनांचे अभीनव भारत को भी यू ए पी ए के तहत दहशतगर्द तंज़ीम क़रार दिया जाए। रियासती हुकूमत ने हाल ही में जस्टिस डी डी सिन्हा की क़ियादत में डीवीजन बंच पर अपना हलफ़नामा दाख़िल किया था जिस में कहा गया था कि ए टी एस के पेश करदा तजावीज़ पर वो हनूज़ (अभी तक) ग़ौर कर रही है। अभीनव भारत की तरफ़ से पेश करदा दरख़ास्त के जवाब में हुकूमत ने अपना हलफ़नामा दाख़िल किया था।

हुकूमत महाराष्ट्र के महकमा दाख़िला के जवाइंट सेक्रेटरी सभा कर चावान ने कहा है कि पुलिस ने सनातन संस्था को यू ए पी ए क़ानून के तहत दहशतगर्द तंज़ीमों की फ़हरिस्त में शामिल करने की दरख़ास्त की थी जिस को कुबूल कर लिया गया है और इस ज़िमन में एक तजवीज़ मर्कज़ी वज़ारत उमूर दाख़िला (Union Ministry of Home Affairs) से रुजू कर दी गई है।