उत्तरप्रदेश: दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर में दिनभर चली सुनवाई के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया गया है. जिससे समाजवादी पार्टी में मचे घामासान के बाद अब भी चुनाव चिन्ह (साइकिल) की मिलकियत को लेकर अब भी सस्पेंस बरकरार है.
एनडीटीवी इंडिया के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के दोनों गुटों के आला नेताओं का शुक्रवार का दिन दिल्ली में बीता. अखिलेश खेमे की ओर से दलील पेश कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्ब ल ने कहा कि जो भी फैसला होगा, वह मंजूर होगा.
वहीँ दोनों पक्षों ने चुनाव आयोग के समक्ष चुनाव चिन्ह साइकिल पर मालिकाना हक पेश किया. इसके लिए दोनों पक्षों के तरफ से वकील भी मौजूद थे.
इससे पहले आयोग में मुलायम सिंह यादव् ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि रामगोपाल यादव पार्टी से बर्खास्त हैं. इसके बाद फ़ौरन ही अखिलेश गुट के नेता भी वहां पहुंचे, जिसमें रामगोपाल यादव, नरेश अग्रवाल, किरनमय नंदा, अभिषेक मिश्रा, सुरेंद्र यादव, अक्षय यादव शामिल थे. सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग के समक्ष साइकिल पर अधिकार जताते समय भी दोनों पक्षों के बीच जमकर तकरार हुई. सुनवाई शुरू होने से पहले भी मुलायम सिंह के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की.
आप को बता दें कि फैसला सुनाने से पहले अंतिम सुनवाई के दौरान दोनों धड़ों के दावों पर चुनाव आयोग कानूनी और तकनीकी विशेषज्ञों की राय लेगा. इसके बावजूद भी अगर स्थिति नहीं सुलझी तो आयोग समाजवादी पार्टी के नाम और निशान को फ्रीज कर दोनों दलों को नए नाम और निशान का विकल्प देगा.