पटना : बिहार एसेम्बली इंतिख़ाब से पहले मुलायम सिंह यादव ने लालू-नीतीश के साथ हुआ अज़ीम इत्तिहाद तोड़ दिया है। अजीम इत्तिहाद में शामिल रही समाजवादी पार्टी (सपा) ने फैसला किया है कि वह रियासत में अलग से इंतिख़ाब लड़ेगी। यानी वह जदयू व राजद के सामने उम्मीदवार खड़े करेगी। पार्टी दीगर पार्टियों के साथ मिल कर इंतिख़ाब लड़ने का भी मन बना रही है और इसके लिए कुछ पार्टियों से बातचीत भी कर रही है। सपा के क़ौमी जेनरल सेक्रेटरी रामगोपाल यादव ने जुमेरात को पार्टी सरबराह मुलायम सिंह यादव की सदारत में पार्टी के पार्लियामानी बोर्ड की इजलास में लिये गये इस फैसले की जानकारी दी।
इस दरमियान जदयू सदर शरद यादव ने देर शाम में मुलायम के घर जाकर उन्हें मनाने की कोशिश किया। ज़राये का कहना है कि मुलायम अपने फैसले पर कायम हैं। हालांकि, शरद यादव ने दावा किया कि मामला बातचीत से सुलझा लिया जायेगा। लालू प्रसाद भी मुलायम को मनाने जुमेरात की देर शाम दिल्ली पहुंचे।
प्रेस कोन्फ्रेंस में सपा तर्जुमान रामगोपाल यादव ने बताया कि पार्टी ने बिहार एसेम्बली इंतिख़ाब में सिर्फ पांच सीटें मिलने से खुद को बेइज्ज़त महसूस किया है। उन्होंने कहा कि जनता परिवार के दीगर अहम पार्टियों का यह फर्ज था कि सीटों का बंटवारे से पहले सपा से बातचीत करते। पर इस बारे में हमें मीडिया के जरिये जानकारी मिली। पांच सीटें दिये जाने से न तो पार्टी की कियादत सहमत था और न ही बिहार के पार्टी कारकुनान राजी नहीं थे। इसीलिए हमने अपने बूते इंतिख़ाब लड़ने का फैसला किया। यादव ने कहा, मैं जानता था कि बिहार इंतिख़ाब के वक्त ये सभी पार्टियां अलग-अलग हो जायेंगी, इसीलिए मैंने कहा था कि मैं जान-बूझ कर सपा के ‘डेथ वारंट’ पर दस्तखत नहीं कर सकता। इस सबके बाद यह कहने की गुंजाइश बचती ही नहीं कि यह परिवार कभी एक हो रहा था।