सपा-भाजपा की सुनियोजित साजिश का नतीजा है आजमगढ़ की साम्प्रदायिक हिंसा: रिहाई मंच

आजमगढ़ मुद्दे पर ने दिया धरना

हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर धरना दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री को प्रेषित 11 सूत्रिय मांग पत्र भी प्रशासन को सौंपा।

खालिद मुजाहिद की हिरासती हत्या की चौथी बरसी पर हुए इस धरने को सम्बोधित करते हुए रिहाई मंच के अध्यक्ष एडवोकेट मोहम्मद शुऐब ने कहा कि अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले सपा और भाजपा आपसी गठजोड़ से आजमगढ़ को दूसरा मुजफ्फरनगर बनाने पर तुली हैं। इसीलिए प्रशासन ने साम्प्रदायिक तत्वों को खुली छूट दे रखी है। मंच के महासचिव राजीव यादव ने कहा कि अगर सपा सरकार ने मुजफ्फरनगर से लेकर फैजाबाद, अस्थान गांव, कोसी कलां और अखलाक के हत्यारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की होती तो आजमगढ़ की घटना नहीं होती।

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पांडेय ने कहा कि सपा और भाजपा अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए आजमगढ़ समेत पूरे सूबे में दंगे का माहौल बना रही हैं। अतहर हुसैन ने कहा कि वोटों के लिए सूबे को तबाह करने वाली शक्तियों का जवाब जनता की एकता ही दे सकती है। वहीं रफत फातिमा और ममता ने पुलिस की साम्प्रदायिकता का सवाल उठाया। रिहाई मंच लखनऊ के नेता शकील कुरैशी ने सपा और भाजपा के आंतरिक गठजोड़ को उजागर करने के लिए मंच प्रदेश व्यापी अभियान चलाएगा और जल्द ही आजमगढ़ का दौरा करेगा।

सभा का संचालन अनिल यादव ने किया। इस दौरान सामाजिक न्याय मंच के अध्यक्ष राघवेंद्र प्रताम सिंह, इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश, आरिफ मासूमी, हरे राम मिश्र, अवनीश राय, आदियोग, केके वत्स, भूरे लाल, अजय शर्मा, कल्पना पांडेय, हादी खान, रफीयुद्दीन खान, जैद फारूकी, एहसानुल हक मलिक,पीयूसीएल के राम कुमार, राम किशोर, आशीष अवस्थी, अनिल यादव, लवलेश चौधरी, शरद पटेल, कमर सीतापूरी, अमित मिश्रा, विरेंद्र त्रिपाठी, लक्ष्मण प्रसाद,शाहनवाज आलम, आली की प्रियंका, जीनत, नीलम, दिपांशी, शाने इलाही, अबू अशरफ, मोहम्मद परवेज आदि उपस्थित रहे।

ज्ञापन
दिनांक 18 मई 2016 को लखनऊ के हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर खालिद मुजाहिद की हिरासती हत्या की चौथी बरसी पर रिहाई मंच द्वारा आजमगढ़ में साम्प्रदायिक तनाव के मुद्दे पर आयोजित प्रर्दशन के माध्यम से हम मुख्यमंत्री को प्रेषित मांग पत्र के जरिए निम्न मांगे करते हैं।
1- आजमगढ़ में व्याप्त साम्प्रदायिक तनाव के हालात को सामान्य बनाने के गम्भीर और ईमानदार प्र्रयास किए जाएं।
2- आजमगढ़ में लगातार बने रहे साम्प्रदायिक तनाव के लिए लिए जिम्मेदार जिला प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
3- पूरे मामले में पूर्व सांसद और भाजपा नेता रमाकांत यादव की साम्प्रदायिक आपराधिक भूमिका के लिए उनपर मुकदमा दर्ज किया जाए।
4- मुस्लिम पक्ष में व्याप्त धारणा कि हमलावर यादव जाति से आते हैं इसलिए उनके खिलाफ पुलिस और प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभाने में कतरा रहा है जिससे उनके हौसले बुलंद हैं और इस कारण वे भविष्य में भी असुरक्षित हैं, का निदान करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
5-दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते हमलों पर तत्काल रोक लगाई जाए व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
6- आगामी महीने में रमजान और ईद का त्यौहार आने वाला है। लिहाजा किसी भी साम्प्रदायिक स्थिति से निपटने के लिए जिले में पर्याप्त फोर्स की व्यवस्था की जाए तथा साम्प्रदायिक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
7- योगी आदित्यनाथ जैसे भड़काऊ भाषण देने वाले साम्प्रदायिक और अपराधी तत्वों को आजमगढ़ जिले में न घुसने दिया जाए।
8- खालिद मुजाहिद के हत्यारोपी वरिष्ठ पुलिस और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को सुनिश्चित किया जाए।
9- आतंकवाद के आरोपों में बरसों तक कैद रहे मुस्लिम नौजवान जिन्हें न्यायालयों ने बरी किया है के खिलाफ प्रदेश सरकार द्वारा उच्च अदालतों में किए गए अपील को सरकार तत्काल वापस ले।
10-आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को छोड़ने और बरी हुए बेगुनाहों के पुर्नवास और मुआवजे का वादा पूरा किया जाए।
11- पूरे सूबे में पूरी तरह ध्वस्त हो चुके कानून व्यवस्था को पुर्नबहाल किया जाए और सत्ता की धौंस देकर खुलेआम अपराध करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।