सबकदोशी का फैसला सचिन ख़ुद करेंगे किसी को मुदाख़िलत का हक़ नहीं

नई दिल्ली 1 अप्रैल : बी सी सी आई से सीनयर‌ ओहदेदार राजीव शुक्ला का एहसास है कि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को ये मौक़ा दिया जाना चाहीए कि वो ख़ुद अपने तौर पर सबकदोशी का फैसला करें । उन्होंने कहा कि सचिन ने हिंदूस्तानी क्रिकेट के लिए बेमिसाल कारनामे अंजाम दिए हैं ।

राजीव शुक्ला ने कहा कि हिंदूस्तानी क्रिकेट के लिए सचिन का रोल बेमिसाल रहा है और वो टीम के लिए रहनुमा का मकाम‌ रखते हैं । किसी को भी ये नहीं कहना चाहीए कि वो सबकदोश हूजाएं । जब कभी सचिन महसूस करें कि सबकदोशी का वक़्त आगया है वो अपने तौर पर इसका फैसला करलेंगे ।

तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ चार टेस्ट मेचस की सीरीज़ में सिर्फ़ एक निस्फ़ सेंचुरी स्कोर की है और उन मेचस में इनका औसत 32 का रहा है । हिंदूस्तान ने ये सीरीज़ वाइट वाश जीती है । राजीव शुक्ला ने ताहम सचिन के फ़ार्म पर किसी तरह की तशवीश ज़ाहिर करने से इनकार करदिया है ।

उन्होंने कहा कि दुनिया में किसी का भी रेकॉर्ड सचिन से बड़ा नहीं है । उन्हें इस तहर से नहीं देखा जा सकता और ना ही उसे अंदाज़ में इनका केरियर ख़त्म किया जा सकता है । राजीव शुक्ला आज तक टी वी चैनल से बात चीत कर रहे थे । शुक्ला ने बी सी सी आई के सदर एन श्री निवास से मिलते जुलते ख़्यालात का इज़हार किया है ।

श्री निवास‌ का कहना है कि सचिन के साथ मुआमला मुख़्तलिफ़ होना चाहीए और किसी और को बैठ कर इस ताल्लुक़ से कोई फैसला नहीं करना चाहीए । श्रीलंका के क्रिकेटरस की आई पी एल मेचस में शिरकत के ताल्लुक़ से सवाल पर शुक्ला ने कहा कि बोर्ड ने रियासती हुकूमत के जज़बात और खिलाड़ियों की सेक्योरिटी को जेहन में रखते हुए दरमियानी रास्ता इख़तियार किया है ।

आई पी एल टूर्नामेंट का चहारशंबा से आग़ाज़ होने वाला है । उन्होंने कहा कि बी सी सी आई ने जो फैसला किया है वो चीफ मिनिस्टर तामिलनाडो जय‌ ललीता के दबाव‌ में आकर नहीं किया है । हम श्री लंका के क्रिकेटरस की ज़िन्दगियों का जोखिम नहीं मोल ले सकते ।

सबसे ज़्यादा अहमियत की बात श्री लंका क्रिकेटरस का तहफ़्फ़ुज़ और उनकी सलामती है । हम को खिलाड़ियों का तहफ़्फ़ुज़ करने और तामिल अव्वाम-ओ-हुकूमत के जज़बात का एहतिराम करते हुए दरमियानी रास्ता इख़तियार करना था । उन्होंने कहा कि चूँकि चीफ मिनिस्टर ही अपनी रियासत के लाव‌ एंड आर्डर की ज़िम्मेदार होती हैं इस लिए उनके ब्यान पर ग़ौर किया गया है ।

राजीव शुक्ला आई पी एल के सदर नशीन हैं । शुक्ला ने कहा कि जहां तक टीमों के मेचस का सवाल है इतने कम वक़्त और कम मोहलत में मुक़ामात की तबदीली मुम्किन नहीं रह जाती । हम को मुक़ामात की तबदीली और मुतबादिल मुक़ाम के इंतिज़ाम के लिए दो माह का वक़्त दरकार था ।

पीचस तय्यार करने के लिए भी दो माह का वक़्त दरकार होता है । इसे में हम चेन्नाई सुपर किंग्स के मेचस को चेन्नाई शहर से किसी और मुक़ाम को मुंतक़िल नहीं करसकते थे । ऐसा नहीं है कि रियासत के अव्वाम नहीं चाहते कि वहां आई पी एल के मेचस हों । वो सिर्फ़ इतना चाहते हैं कि चेन्नाई में जो मेचस होने वाले हैं इन में श्री लंका से ताल्लुक़ रखने वाले क्रिकेटरस को शामिल ना किया जाय ।

जब इस सूरत-ए-हाल को ख़ुद श्री लंका के क्रिकेट बोर्ड ने क़बूल करलिया है तो फिर किसी को भी कोई मसला नहीं होना चाहीए । जहां तक तामिलौं के जज़बात का सवाल है हम उन्हें नज़रअंदाज नहीं करसकते । क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने फैसला किया है कि चेन्नाई में इंडियन प्रीमय‌र लीग के जो भी मेचस होने वाले हैं इन में किसी भी टीम को श्री लंका के क्रिकेटरस को शामिल करने की इजाज़त नहीं दी जाएगी ।

वाज़ह रहे कि तामिलनाडो के चीफ मिनिस्टर जय‌ ललीता ने रियासत में पाए जाने वाले मुख़ालिफ़ श्री लंका जज़बात के पेश नज़र श्री लंका के क्रिकेटरस को चेन्नाई में खेलने की इजाज़त देने से इनकार करदिया था । बी सी सी आई ने एक दरमियानी रास्ता इख़तियार करके मेचस को तो चेन्नाई में मुनाक़िद करने का फैसला किया है ताहम उन मेचस में श्री लंका के क्रिकेटरस को शमूलियत की इजाज़त नहीं दी गई है ।