ज़िन्दगी जीने की ख्वाहिश ऐसी कि सबकी आँखें भर आएं

कैंसर की लड़ाई लड़ रही लड़की की कहानी जिसका जीने का जज़्बा देख मौत भी शर्मिंदा।

ख्वाहिशें हर किसी की ज़िन्दगी में होती हैं चाहे वह अमीर बनने की ख्वाहिश हो या किसी का प्यार पाने की या फिर अल्लाह के बताये रास्ते पर चलने की; ख्वाहिशें ही हमें ज़िन्दगी जीने की वजह देती हैं।

ज़िन्दगी का दस्तूर है कि वक़्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता कभी ख़ुशी आती है तो कभी गम का तूफ़ान इंसान को हर तरफ से घेर लेता है। ज़िन्दगी की इसी कश्मकश से दो चार होने वाले कुछ इंसान ऐसे होते हैं जो ज़िन्दगी का हर लम्हा जीना सीख जाते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है इंग्लैंड की रहने वाली 17 साल की एम्मा कॉसग्रोव की जो पिछले 5 साल से बोन कैंसर से जूझ रही थी और आज के वक़्त में डॉकटरों का कहना है की उसके पास जीने के लिए बस चंद दिन ही बचे हैं।

डॉकटरों की बताई इस बात को शायद हर कोई उसी लहजे में न ले पता जिस लहजे में एम्मा ने लिया। उसने बजाये कि यह सोचा जाए कि अब सिर्फ कुछ दिन ही बचे हैं मौत आने को की जगह इस बात को ऐसे सोचा कि अभी भी मेरे पास कुछ दिन हैं  ज़िन्दगी के और उसे पूरी तरह जीने का फैसला किया

अपने दिनों के बेहतरीन तरीके से जीने के लिए एम्मा ने एक लिस्ट बनाई अपनी ख्वाहिशों की और उसे शेयर किया गो फंड मी नाम की एक वेबसाइट पर। यह वेबसाइट लोगों को ऐसे लोगों के एक ऐसे मदद करने वाले नेटवर्क के साथ जोड़ती है जो लोगों को उनकी जरुरत के मुताबिक मदद करने की कोशिश करते हैं।

कैंसर की लड़ाई में मौत को मुँह चिढ़ाती एम्मा ने अपनी लिस्ट में पहली ख्वाहिश लिखी अपने मंगेतर डिओन डन (18) के साथ शादी करने की। डन और एम्मा एक दूसरे को काफी वक़्त से चाहते थे और कुछ वक़्त में शादी करने वाले थे। ऐसे में कुछ दिन की ज़िन्दगी को पूरी तरह जीने की चाहत में दोनों ने शादी करने का फैसला किया। इसके इलावा एम्मा की लिस्ट में अपने पूरे परिवार और कुत्ते के साथ घूमने जाने की और होटल में रहने भी ख्वाहिश थी।

इन ख्वाइशों को पूरा करने के लिए दुनिया भर से लोगों ने पैसे इकट्ठे कर एम्मा की ख्वाहिशों को पूरा करने का फैसला किया और कुछ दिनों में ही 7000 पौंड (7 लाख रूपये) इकट्ठे कर दिए। अपने सपनों को पूरा करने के लिए मिले पैसों और लोगों की तरफ से मिले प्यार से खुश  एम्मा ने लोगों का तहे दिल से लोगों का शुक्रिया अदा करते हुए कि मैं हर उस इंसान का शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ जिसने मेरे सपने पूरे करने में किसी भी तरह की मदद की है। इन पैसों के मायने मेरे लिए यह हैं की मैं अपनी ज़िन्दगी को दोगुना कर जी सकती हूँ और वह सब कर सकती हूँ  जो मैं करना चाहती हूँ; ज़िन्दगी जीने के लिए होती है मौत का आना तो एक नियम है लेकिन जीते जी मौत के डर से रोज़ रोज़ मरना बेवकूफी है।