ट्रिपल तलाक का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है। जहां केंद्र ने कहा है कि वो ट्रिपल तलाक,हलाला और बहु विवाह जैसी प्रथाओं के खिलाफ़ है क्योंकि ये मुस्लिम महिलाओं के संवेधानिक अधिकारों का हनन करती हैं।
ट्रिपल तलाक के मुद्दे ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। मुस्लिम बदहाली के लिए ट्रिपल तलाक को वजह बताया जा रहा है। लेकिन एक आरटीआई से जो खुलासा हुआ है उससे कुछ और ही हक़ीकत सामने आई है।
आरटीआई से खुलासा हुआ है कि हिंदुओं में तलाक के मामले मुसलमानों के कई गुना ज़्यादा हैं। नासिक, करीम नगर, गुंटूर, सिकंदराबाद, मलप्पुरम, एर्नाकुलम, पल्लकड़ से आरटीआई से 2011 से 2015 तक के तलाक के जो आंकड़े मिले हैं उससे खुलासा हुआ है हिंदुओं में तलाक के 16505 हुईं हैं, जबकि मुसलमानों में ये संख्या सिर्फ़ 1307 हैं। क्रिस्चियन में 4827 तलाक और सिख में 8 तलाक के मामले सामने आए हैं ।