सब्सीडी पर सलेंडरस की तादाद में इज़ाफ़ा के लिए दबाव‌

सब्सीडी पर दिए जाने वाले एलपी जी सलेंडरस की तादाद में इज़ाफ़ा के लिए अंदरून कांग्रेस मुतालिबात के पस-ए-मंज़र में वज़ीर फाइनेंस पी चिदम़्बरम ने कहा के ये मामेला वज़ारत पैट्रोलीयम से ताल्लुक़ रखता है और अगर मुनासिब समझा जाये तो इस बारे में कोई भी फ़ैसला वज़ारत पैट्रोलीयम ही करेगी।

मर्कज़ी काबीना ने सालाना 6 सलेंडरस फ़ी ख़ानदान सब्सीडी पर फ़राहम करने का फ़ैसला किया था। चिदम़्बरम ने कहा के ये फ़ैसला वज़ारत पैट्रोलीयम और क़ुदरती ग़ियास का है। अगर इस में किसी तरह की तबदीली दरकार हो तो इस बारे में फ़ैसला भी वही करेगी।

हुकूमत ने हाल ही में सब्सीडी पर दिए जाने वाले सलेंडरस की तादाद पर पाबंदी लगते हुए इज़ाफ़ी बोझ सारिफ़ीन पर लग‌ कर दिया था। चुनांचे जो सलेंडर सब्सीडी पर 410.50 रुपये में मिल रहा था , उस की क़ीमत दुगुनी से भी ज़ाइद होगई।

कांग्रेस के हालिया सूरजकुंड मीटिंग में ये मुतालिबा किया गया के सब्सीडी पर दिए जाने वाले सलेंडरस की तादाद को 6 से बढ़ाकर सालाना 12 फ़ी ख़ानदान की जाये। नए वज़ीर तेल ऐम वीरप्पा मोईली ने भी ये एतराफ़ किया था के उन के पेशरू ऐस जुए पाल रेड्डी के दौर में किया गया ये फ़ैसला अवाम के लिए तकालीफ़ का सबब बिन रहा है।

चिदम़्बरम ने कहा के उस वक़्त सरकारी ख़ज़ाना जिस सूरत-ए-हाल से दो-चार है , उस की वजह से वो समझते हैं के वज़ारत तेल को ये फ़ैसला करना पड़ा। उन्हों ने मर्कज़ी पब्लिक सैक्टर यूनिट्स को ख़बरदार किया है के वो फ़ाज़िल नक़द रक़म की सरमाया कारी करें या फिर उन्हें इस रक़म से महरूम होना पड़ेगा।

चिदम़्बरम ने कहा के पब्लिक सक्टर यूनिट्स को पहले ही नोटिस दे दी गई है। अगर ये इदारे फ़ाज़िल नक़द रक़म की सरमाया कारी नहीं करेंगे तो उन्हें इस रक़म से हाथ धोना पड़ेगा। मालीयाती साल के आग़ाज़ पर हर मर्कज़ी पी एसयू में मख़सूस रक़म सरमाया कारी करने का तीक़न दिया था।