केमरे के अंदर ख़ूबसूरती से मुस्कुराते हुए और इन अल्फ़ाज़ के क़रीब में हूँ हेमामालिनी और हूँ वीजीटीरीयन पीपल फ़ौर दी एथीकल टरीटमेंट आफ़ एनीमल्स (पीटा) इंडिया में अपने अहबाब की ख़ातिर मिसाली अदाकारा, सियासतदां और जानवरों की देरीना हमदर्द हेमामालिनी एक नए इश्तिहार में, अक्टूबर में जैसे आलमी तौर पर नबाताती बेदारी माह की हैसियत से मनाया जा रहा है, इस दिलकश इश्तिहार को शूट किया है।
सफे अव्वल के फ़ोटोग्राफ़र डुबो रतनानी ने बेहतर सेहत का राज़ मुज़म्मिर है सब्ज़ी खोर होने में, कहती हैं हेमामालिनी वो शख़्सियत 150 से भी ज़ाइद फिल्मों में चार दहों से धूम मचाती आरही हैं। मेरी खोरानी पसंद ज़मीन और ज़मीन पर पाए जाने वाले जानवरों केलिए मुज़्दा जानफ़रा है तो मेरे लिए बाइस-ए-फ़ख़र।
हिंदुस्तान की फ़िल्मी तारीख़ में हेमामालिनी एक कामयाब अदाकारा साबित हुई हैं। ये हिंदुस्तान की सियासी भारतीय जनता पार्टी की रुक्न हैं और आजकल अपना ज़्यादा तर वक़्त फ़लाही और समाजी कामों में लगाती हैं। जानवरों की मदद की ख़ातिर हेमामालिनी ने पहली बार पीटा की मदद नहीं की है बल्कि उन्होंने 2009 में उस वक़्त के म्यूनसिंपल कमिशनर को पीटा के हक़ में एक मुक्तो भ भी तहरीर किया था।