पाकिस्तान और भारत के दरमयान चलने वाली ट्रेन समझौता एक्सप्रेस में नौ बरस क़ब्ल होने वाले बम धमाके के मुक़द्दमे के असल मुल्ज़िम स्वामी असीमा नंद ज़मानत पर रिहा हैं। इस वाक़िये के 11 अहम सरकारी गवाह गुज़िश्ता चंद हफ़्तों में मुनहरिफ़ हो चुके हैं।
समझौता बम धमाके जैसे संगीन मुक़द्दमे में असीमा नंद की रिहाई और गवाहों के मुनहरिफ़ होने का मुआमला एक ऐसे वक़्त में रुनुमा हुआ है जब एक सरकारी वकील ने ये इल्ज़ाम लगाया है कि क़ौमी तफतीशी इदारा एन आई ए हिंदू शिद्दत पसंदों के ख़िलाफ़ मुक़द्दमात को कमज़ोर करने के लिए दबाव डाल रहा है।
सन 2007 में समझौता एक्सप्रेस में बम धमाका, हरियाणा के पानीपत शहर के नज़दीक हुआ था। इस हमले में 68 अफ़राद हलाक हुए थे जिनमें ग़ालिब अक्सरीयत पाकिस्तानी शहरीयों की थी।
इस धमाके में स्वामी असीमा नंद समेत कई हिंदू शिद्दत पसंद गिरफ़्तार किए गए थे। ये मुक़द्दमा चन्दीगढ़ से मुल्हिक़ा शहर पंजकुला की एक अदालत में चल रहा है।