समझौता एक्सप्रेस धमाकों के पीछे था RSS प्रचारक सुनील जोशी का हाथ: पूर्व एसआईटी चीफ राय

हमने अपनी रिपोर्ट में साफ़ साफ़ यह बात लिखी थी कि समझौता एक्सप्रेस धमाकों के पीछे आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी ग्रुप का हाथ है और सिमी का इन धमाकों से कोई लेना देना नहीं है। लेकिन फिर भी कार्यवाई जिस तरीके से आगे बढ़ी वो आपके सामने ही है” – यह कहना है समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट्स मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम के पूर्व चीफ विकाश नारायण राय का।

राय ने हाल ही में दिए अपने एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे दूसरी जांच एजेंसियों का सहयोग न मिलने के बावजूद भी उन्होंने अपने काम को कैसे निभाया और जांच कर यह नतीजा निकाला कि सुनील जोशी का ग्रुप ही इस मामले में दोषी है न कि सिमी। जोशी जोकि 2007 की सर्दियों में ही मार जा चूका है के 2 अन्य साथी आज भी पुलिस के हाथों में नहीं आ पाये हैं।

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राय ने यह भी बताया कि मशहूर न्यूज़ टीवी चैनल “न्यूज़ एक्स” ने उनकी इंटरव्यू ली और इंटरव्यू का वो हिस्सा जिसमें उन्होंने सारे सच का खुलासा किया था को टीवी पर नहीं दिखाया गया। जिससे साफ़ पता चलता है कि आज की मीडिया कितनी बिकी हुई और गिरी हुई बनती जा रही है।

धमाकों के बारे में बताते हुए राय ने कहा कि जांच के दौरान हमें यह पता चला कि ट्रेन में बम इस तरह से लगाए गए थे ताकि वो चलती ट्रेन में बड़ी से बड़ी आग लगा सकें।

सूटकेस जिनमें बम लगाए गए थे के परखच्चे उड़ चुके थे लेकिन एक ऐसा सूटकेस हमारे हाथ लगा जिसका बम फटा नहीं था। यह हमारी जांच के लिए एक एहम सुराग था। सूटकेस की पहचान हमें इंदौर ले गई जहाँ से सूटकेस बेचने वाले दुकानदार और उसके नौकरों से लेकर कई लोगों से पूछताश की गई। ऐसे ही वक़्त में केस को सुलझाने के करीब पहुंची टीम के लिए बड़ा झटका सुनील जोशी की क़त्ल के वक़्त लगा। सुनील जोशी जोकि एक बिजनेसमैन था और आरएसएस प्रचारक भी था साध्वी प्रज्ञा के काफी करीब था। जाँच के दौरान स्वामी असीमानंद का नाम भी सामने आया और टीम ने दोषियों के खिलाफ पुख्ता सबूतों को इकठा करने के लिए जाँच और भी तेज़ कर दी।