चंडीगढ़: समझौता एक्सप्रेस ट्रेन के मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद को पंचकुला स्थित एनआईए अदालत ने ज़मानत दे दी है। अदालत में जिरह के दौरान एक गवाह राजेश मिश्रा अपने बयान से पलट गया। उसने कहा कि पुलिस की तफ्तीश के दौरान उसने कोई बयान नहीं दिया है। ज़मानत के लिए असीमानंद ने एक-एक लाख के पर्सनल बांड और एक-एक लाख के श्योरिटी बांड भरे हैं।
एनआईए की अदालत में स्वामी असीमानंद समेत तीन गवाहों को पेश किया गया था। एनआईए की अदालत में तीन गवाहों शिवनारायण पटेल, जगदीश पटेल और राजेश मिश्रा के बयान दर्ज किए गए लेकिन यहां राजेश मिश्रा अपने पिछले बयान से मुकर गया। इस केस में अभी तक कुल १७४ लोगों की गवाहियां हो चुकी हैं। तीनों गवाह मध्यप्रदेश के धार ज़िले के रहने वाले हैं।
असीमानंद पर समझौता धमाकों के अलावा हैदराबाद स्थित मक्का मस्जिद धमाके का भी आरोप है। इस धमाके में १४ लोग मारे गए थे जबकि समझौता ट्रेन में मरने वाले ६८ नागरिकों में ज़्यादातर पाकिस्तानी नागरिक थे। समझौता एक्सप्रेस भारत-पाकिस्तान का सबसे पुराना रेल लिंक है। असीमानंद का जुड़ाव भगवा संगठनों से रहा है।