समर कैंप में मौलाना अब्दुल माजीद कासमी का खिताब

अल्लाह रबुल इज्ज़त ने इन्सानों की रहबरी के लिए पैगंबरों का इंतिख़ाब फरमाया जो इंसानियत की डूबती होई नैया को पार लगाने का काम करते थे, हज़रत मोहम्मद (सल.) ने भी कुफ़र व शिर्क की ज़लालत में फंसी इंसानियत को नूर व हिदायत का पैगाम दिया। जब-जब नबी की तालिमात को सामने रख कर ज़िंदगी का सफर किया गया, कामयाब हुआ। ये बातें मौलाना अब्दुल माजीद कामी जेनरल सेक्रेटरी शांति संदेश केन्द्र ने पाँच रोज़ा दिनी व तालीमी तरबियती समर कैंप के एख्तेताम पर सेंटर के लाइब्रेरी हाल में शूरका और उनके सरपरस्तों से खिताब करते हुये कहीं। उन्होने कहा के आज अक्सर लोगों की ज़ुबान पर इल्म की तक़सीम इस तरह हो गयी है की ये दिनी तालिम है और वो दूनयावी तालिम है, रसूलल्लाह (सल.) ने इल्म की तक़सीम इल्म नफा और इल्म गैर नफा से की है,

अगर आप ने कोई ऐसा इल्म सीखा है की सीख कर खुद को फाइदा हो रहा है, तो ऐसे इल्म वाले लोग यकीनन मुबारकबादी की मुस्तहिक हैं, लेकिन अगर ऐसा इल्म सीखा गया है की इस से किसी को फाइदा नहीं हो रहा है, तो ऐसा इल्म इंसान के लिए हेलाकत व बरबादी का सबब है, समर कैंप में औवल पोजीशन लाने वाले तल्हा अतीक (अली नगर) दूसरी पोजीशन लानेवाली शमा परवीन (फुलवारी शरीफ) और तीसरी पोजीशन रोशन परवीन (फुलवारीशरीफ) ने हासिल की, तमाम लड़के और लड़कियों को कामयाबी पर इनामात से नवाजा गया, इस मौके पर मौलाना शकील कासमी ने तमाम शूरका के लिए हौसला अफजाई बातें कही, उन्होने कहा की आज ज़रूरत है की स्कूलों व कॉलेज के तल्बा व तालेबात दिनी उलूम में ज़रूरियात का इल्म ज़रूर हासिल कर लें ताकि आप को दिक़्क़तों का सामना न करना पड़े। इस मौके पर प्रोफेसर इदरीस, जावेद अहमद, हाफिज़ नूर शानूद्दीन और शारीक़ भी मौजूद थे।