समस्तीपुर : समस्तीपुर के ताजपुर में हाल ही में हुई हिंसक झड़प के बाद हुई जांच में पुलिस की लापरवाही सामने आई है.जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस निरीक्षक स्तर के तीन पदाधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है. इन पदाधिकारियों में ताजपुर थानाध्यक्ष और उपस्थित जिला पुलिस के जवान शामिल हैं.
जांच में यह बात सामने आई है कि जीतेन्द्र कुमार मालाकार की मृत्यु भीड़ में मौजूद किसी व्यक्ति द्वारा गोली चलाने की वजह से नहीं, बल्कि पुलिस द्वारा चलाई गई गोली से हुई है.
20 अक्टूबर को ताजपुर थाना पर हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने वाहनों में आगजनी की. उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाईं, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई. जांच में कसूरवार पाए गए तीन पदाधिकारियों पर अनुशासनिक कार्रवाई का फैसला लिया गया है.
गौरतलब है कि 20 अक्टूबर 2017 को समस्तीपुर जिला के तहत आने वाले ताजपुर थाना परिसर में जन प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक घटनाक्रम में जीतेन्द्र कुमार मालाकार की गोली लगने से मौत हो गई थी. सरकार ने इस पूरी घटना की जांच के आदेश दिए थे।
इस घटना की जांच दरभंगा प्रमण्डल आयुक्त एचआर श्रीनिवास और पुलिस उप महानिरीक्षक बिनोद कुमार को सौंपी गई. इस घटना की 10 दिनों तक जांच की गई और जांच रिपोर्ट को बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार को सौंप दिया गया.
जांच रिपोर्ट देखने के बाद नीतीश कुमार हैरान रह गए। साथ ही सरकार ने जिलाधिकारी समस्तीपुर को निर्देश दिया गया है कि मृतक के आश्रित को तत्काल मृतक जीतेन्द्र कुमार मालाकार के आश्रितों को 5 लाख रुपये की राशि जो मुआवजे के तौर पर दी जानी थी उसकी भुगतान सुनिश्चित करें.