पटना:उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी में जो कुछ हुआ है उससे आसपास के राज्यों की पार्टियां भी सकते में हैं. बिहार की सत्ताधारी जदयू को भी इस मामले पर बयान देने की नौबत आन पड़ी है. इस पूरे प्रकरण पर पार्टी ने कहा है कि इस पूरे मामले का बिहार पर कोई असर नहीं है तथा उनकी पार्टी की उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका किसी भी तरह से लाभ नहीं उठाने वाली है.
भाषा के मुताबिक़ पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी ए संगमा की पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी(NPP) की बिहार इकाई के जदयू में विलय और NPP के प्रदेश अयक्ष संजय वर्मा के अपने अन्य पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ जदयू शामिल होने के बाद अपने कक्ष में पत्रकारों से बातचीत के दौरान जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से उत्तरप्रदेश में सपा के भीतर उत्पन्न कलह के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की घटना का बिहार पर किसी प्रकार असर नहीं होने वाला है और हमारी कामना है कि सपा संगठित रहे और उसके मतभेद खत्म हो लेकिन हमारी मान्यता है कि जहां भी समाजवादी शक्ति है उनके अंदर झगड़ा एवं विवाद नहीं हो तो देश के लिए अच्छा है।
उन्होंने कहा कि सपा में किसी प्रकार की टूट होने पर आने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जदयू को कितना फायदा होगा, इस बारे में पूछे जाने पर वशिष्ठ ने कहा कि उनकी आग में घी डालने की सोच नहीं रही है.
वशिष्ठ ने कहा कि सुशासन का प्रश्न और गरीब जनता समाजवादी शक्तियों के एजेंडे का प्रमुख हिस्सा है। कुछ कारणों से या पहले की कुछ घटनाओं के कारण समाजवादी एकजुट नहीं हो पाए पर हमलोग यही चाहते हैं कि वे एक मंच पर आए और इसके लिए प्रयास होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने अपने राष्ट्रीय काउंसिल की हाल में संपन्न बैठक में यह निर्णय लिया कि ऐसी शक्तियों को जोड़ने का काम नीतीश कुमार के नेतृत्व में होना चाहिए।