समाजवादी पार्टी की कामयाबी में मुस्लमानों का कलीदी रोल

उत्तर प्रदेश की सबकदोश चीफ़ मिनिस्टर और बी एस पी की सदर मायावती ने इल्ज़ाम आइद किया कि कांग्रेस और बी जे पी ने महिज़ अपने सयासी मुफ़ादात के लिए अक़ल्लीयती ज़ेली कोटा को मौज़ू बनाया, जिससे मुस्लमानों के वोटों की समाजवादी पार्टी को मुंतक़ली में मदद मिली है।

गवर्नर बी एल जोशी को इस्तीफ़ा पेश करने के फ़ौरी बाद अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए मायावती ने कहा कि 70 फ़ीसद मुस्लिम वोट अक़ल्लीयती तहफ़्फुज़ात के मसला के सबब एस पी को चले गए। मिस मायावती ने कहा कि आप सब जानते हैं कि कांग्रेस ने असेंबली इंतेख़ाबात के ऐलान के फ़ौरी बाद महिज़ अपने सयासी फ़ायदा केलिए पसमांदा मुस्लमानों को तहफ़्फुज़ात का मसला उठाया और बी जे पी ने इसकी मुख़ालिफ़त की।

उन्हों ने कहा कि बी जे पी ने भी इस मसला के ज़रीया अपने इंतेख़ाबी फ़ायदा के लिए आला ज़ात और दीगर पसमांदा तब्क़ात के वोटरों को राग़िब करने की कोशिश की, जिसके नतीजा में मुस्लमानों में ये ख़ौफ़ पैदा हो गया कि रियासत में बी जे पी बरसर ए इक़्तेदार आ सकती है।

मुस्लमानों को पता था कि कांग्रेस कमज़ोर है, आला ज़ात और दीगर पसमांदा तब्क़ात से वाबस्ता हिन्दू बी जे पी को वोट देंगे। चुनांचे मुस्लमानों ने कांग्रेस को वोट नहीं दिया बल्कि समाजवादी पार्टी को वोट दे दिया। मुस्लमानों के ज़हनों में ये अंदेशा भी था कि आला ज़ात और दीगर पसमांदा तब्क़ात से वाबस्ता हिन्दू एस पी को वोट नहीं देंगे।

चुनांचे इस नज़रिया से भी मुस्लमानों ने एस पी को वोट दिया। मिस मायावती ने कहा कि दलितों के सिवा-ए-दीगर तमाम हिन्दू वोटस बिलख़सूस आला ज़ात और दीगर पसमांदा तब्क़ात के वोट कई जमातों में बड़े पैमाना पर मुनक़सिम हो गए, जिससे एस पी को फ़ायदा पहुंचा। बी एस पी सरबराह ने दावा किया कि 70 फ़ीसद मुस्लिम वोट एस पी को मुंतक़िल हो गए। उन्होंने ये दावा भी किया कि दलित वोट मुनक़सिम नहीं हुए बल्कि वो बदस्तूर एस पी को मिले हैं।

रियासत भर के दलितों ने इस पी को वोट दिया है और यही वजह है कि बी एस पी अब भी दूसरी बड़ी जमात है। अगर ऐसा नहीं होता तो बी एस पी को दूसरा मुक़ाम हासिल ना होता बल्कि मेरा हाल भी बिहार में लालू (प्रसाद) जैसा हो जाता। सबकदोश होने वाली चीफ़ मिनिस्टर मायावती ने इल्ज़ाम आइद किया कि एस पी की नई हुकूमत उनके फ्लाही प्रोग्रामों को बरफ़दान में डाल देगी और रियासत बदतरीन पसमांदगी के साथ कई साल पीछे की तरफ़ चली जाएगी।

उन्होंने कहा कि रियास्ती अवाम बहुत जल्द एस पी हुकूमत से बेज़ार हो जाएंगे और बी एस पी की बेहतर हुक्मरानी को याद करेंगे। मिस मायावती ने अपनी हुकूमत के मुतअद्दिद फ्लाही प्रोग्रामों का हवाला देते हुए इल्ज़ाम आइद किया कि इन की हुक्मरानी के दौरान इस रियासत के साथ मर्कज़ ने मनफ़ी रवैय्या इख्तेयार किया था।

उन्होंने इशारा दिया कि आने वाले दिनों में वो अपनी पार्टी को दुबारा कारकर्द बनाने के लिए काम करेगी। मायावती ने इंतेख़ाबी मुहिम के दौरान अक़ल्लीयती ज़ेली कोटा के मसला को बदस्तूर मौज़ू बना रखने के लिए मीडीया पर भी तन्क़ीद की।