कोड़निगल 07 सितंबर: अप्पर प्राइमरी स्कूल ब्वॉयज़ में मीटिंग हाल में आशिया हेडमास्टर की ज़ेरे सदारत यौम असातिज़ा तक़रीब का इनइक़ाद अमल में आया।
मौज़फ़ हैड मास्टर्स वेंकट सिंह और वहीद असीर ने बहैसीयत मेहमानान ख़ुसूसी शिरकत की। मददगार मुदर्रिस वीनू गोपाल और करशनया ने जलसे की कार्रवाई चलाई।
तक़रीब के आग़ाज़ में एस एमसी चैरमैन सय्यद शहबाज़ पाशाह कादरी, सय्यद अलाउद्दीन आदिल, हेडमास्टर मुदर्रिसा और दुसरे असातिज़ा की तरफ से वहीद असीर और वेंकट सिंह की शाल पोशी-ओ-गलपोशी की गई।
इस मौके पर वहीद असीर ने ख़िताब करते हुए यौम असातिज़ा पर रोशनी डाली और आँजहानी सर्वे पली राधा कृष्णन साबिक़ सदर जमहूरीया को ज़बरदस्त ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश किया।
उन्होंने असातिज़ा की क़दर-ओ-मंजिलत पर-ज़ोर देते हुए कहा कि क़दीम ज़माने से ही दुनिया के हर मुल्क और क़ौम में उस्ताद को एक ख़ास मुक़ाम और ख़ुसूसी दर्जा हासिल रहा है, क्युंकि उस्ताद, मुर्शिद या गुरु की बारगाह में नसल इन्सानी की परवरिश होती है, यानी असातिज़ा क़ौमों के माज़ी, हाल और मुस्तक़बिल के मुअम्मार होते हैं।
उन्होंने कहा कि इन्सानी मुआशरे में उस्ताद की एहमीयत के मद्द-ए-नज़र हर मज़हब में उस्ताद के एहतेराम की तालीम मिलती है। वेंकट सिंह ने कहा कि आँजहानी राधा कृष्णन का टीचर से तरक़्क़ी करते हुए सदर जमहूरीया के जलील-उल-क़दर ओहदे तक पहुंचना टीचरों के लिए फ़ख़र की बात तो है ही, लेकिन इस से ज़्यादा फ़ख़र की बात ये है के ख़ुद सदर जमहूरीया के ओहदे को एहमीयत हासिल हुई, यानी एक टीचर ने इस ओहदे को क़बूल किया। आख़िर में तलबा की तरफ से असातिज़ा की गलपोशी की गई। वीनू गोपाल के शुक्रिया पर जलसे का इख़तेताम अमल में आया।