रमज़ान उल-मुबारक सन ८ हिज्री में अल्लाह के रसूल स.व. अपने सहाबा किराम के साथ मक्का मुकर्रमा की तरफ़ पेशक़दमी कर(जा ) रहे थे। जब आप मर उज्जोहरान नामी जगह पर तशरीफ़ लाए(पहूँचे) तो अबू सुफ़ियान को अपनी जान का डर पैदा हो गया। अल्लाह के रसूल के चचा सय्यदना अब्बास ने रसूल स.व. की तरफ़ से मुआफिनामा दिल्वाने की पेशकश की तो अबूसुफ़ियान इस पर आमादा हो गए।
सय्यदना अब्बास इस क़िस्से को ब्यान करते हुए कहते हैं कि मैंने अबूसुफ़ियान से कहा तेरा सत्यानास! अल्लाह के रसुल तो अब सरपुर आँ पहुंचे। अल्लाह की क़सम! कूरेशीयों! अपनी जानें बचाओं, वर्ना मारे जाओंगे। अबूसुफ़ियान ने कहा अब्बास! तुम पर मेरे माँ बाप क़ुर्बान! अब कौन्सा हीला (तदबिर)इख़तेयार करना होगा?। मेने जवाब दिया अगर तुम पकड़े गए तो रसूल स.व. ज़रूर तुम्हें क़तल करदेंगे। तुम मेरे ख़च्चर पर सवार हो जाओं, मैं तुम्हें रसूल स.व. से अमान दिल्वा देता हूँ।
अबूसुफ़ियान मेरे पीछे सवार हो गए, में उन्हें लेकर चला। रास्ते में जब हम मुसल्मानों के किसी रोशन अलाव के क़रीब से गुज़रते तो उन्हों ने कहा ये कौन है?। जब लोग रसूल अल्लाह स.व. के ख़च्चर पर मुझे देखते तो सिर्फ इतना कहते कि अल्लाह के रसूल के ख़च्चर पर आप के चचा हैं। फिर वो रास्ते से हट जाते। जब मैं सय्यदना उमर के क़रीब से गुज़रा तो उन्हों ने कहा ये कौन है?। हज़रत अब्बास फ़रमाते हैं सय्यदना उमर फ़ौरन मेरी तरफ़ बढ़े। अबूसुफ़ियान को मेरे पीछे सवार देखा तो चीख़ उठे अल्लाह का दुश्मन अबूसुफ़ियान! अल्लाह का शुक्र है कि तो किसी पेशगी अह्द और अमान के बगै़र ही क़ाबू में आगया। ये सुन कर अबूसुफ़ियान भाग खड़े हुए और जल्दी से रसूल अल्लाह स.व. की ख़िदमत में पहुंच गए। सय्यदना उमर भी इन का पीछा करते हुए पहुंच गए। सय्यदना उमर ने कहा या रसूल अल्लाह! अबूसुफ़ियान किसी अह्द के बगै़र ही क़ाबू में आगया है, मुझे इजाज़त दीजिए में इस की गर्दन उड़ादूं।