रियासत तेलंगाना में उर्दू को दूसरी सरकारी ज़बान का दर्जे को दिया गया लेकिन आज तक भी इस पर कोई अमल आवरी नहीं की गई।
मेदक के नयालकल मंडल में सरकारी मह्कमाजात मंडल प्रजा परिषद एम आर ओ आफ़ीस पुलिस स्टेशन हद नूर महिकमा जंगलात आबी रसानी मंडल एजूकेशन आफ़ीस दुसरे सरकारी महिकमा इदाराजात में नयालकल मंडल के अक़लीयती क़ाइदीन की वफ़द की नुमाइंदगी के बावजूद तेलुगु और अंग्रेज़ी में तहरीर किया गया लेकिन साइन बोर्ड पर उर्दू ज़बान को नजरअंदाज़ किया गया।
नयालकल मंडल में उर्दू ज़बान के साथ सौतेला सुलूक खुले आम देखा जा रहा है। जबकि नयालकल मंडल में कसीर मुस्लिम आबादी होने के बावजूद उर्दू ज़बान पर अमल आवरी नदारद। हलक़ा असेंबली ज़हीराबाद में मुस्लिम बादशाही मौक़िफ़ है और फ़रीदुद्दीन साबिक़ रियासती वज़ीर दो मर्तबा इस हलके से कामयाबी हासिल की थी। इस के बावजूद उर्दू ज़बान को यकसर नजरअंदाज़ किया जा रहा है। हुकूमत का उर्दू के साथ इंसाफ़ करने का वादा वफ़ा ना होसका।
जबकि हदनूर पुलिस स्टेशन में ए एस आई के ओहदे पर मुस्लिम शख़्स होने के बावजूद पुलिस स्टेशन के साइन बोर्ड पर उर्दू ज़बान को बुरी तरह नज़रअंदाज किया गया।