सरकारी इस्कीमात को आर एस एस लीडरों के नाम मौसूम करने की मुख़ालिफ़त

हैदर अली बाग़बान आर्गेनाईज़िंग सेक्रेटरी कुल हिंद मजलिस तामीरे मिल्लत ज़िला गुलबर्गा ने वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी की तरफ से सरकारी इस्कीमात को आर एस एस लीडरान के नाम से मौसूम करने की पुरज़ोर मुख़ालिफ़त की है।

उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि मर्कज़ी वज़ीर मालियात अरूण जेटली के पेश करदा आम बजट बराए साल 2014-15में सरकारी इस्कीमात को आर एस एस लीडरान के नाम से मौसूम किया गया है।

आर एस इसके बानी और कश्मीर में दफ़ा 370 को ख़त्म करने के लिए तहरीक चलाने वाले श्याम प्रसाद मुखर्जी के नाम से अर्बन मिशन इस्कीम को मौसूम किया गया है। इस इस्कीम के तहत मुल्क के देही इलाक़ों को शहरी सतह की सहूलयात मुहय्या करवाई जाएंगी।

आर एस एस के एक और सदर पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से देही इलाक़ों में हर घर को हमावक़त बर्क़ी की सरबराही करने की ग्राम ज्योति इस्कीम को मौसूम किया गया है। इस इस्कीम पर अमल आवरी के लिए बजट में 500 करोड़ रुपये मुख़तस किए गए हैं।

काशी हिंदू यूनीवर्सिटी के बानी मुदुन मोनपा मालो या के नाम पर तालीमी इस्कीम का आग़ाज़ किया गया है। हैदर अली बाग़बान ने मज़ीद कहा हैके मुल्क की तारीख़ में पहली बार सरकारी इस्कीमात-ओ-एलानात को क़ौमी क़ाइदीन के बजाये फ़िर्कापरस्त नज़रियात के मुतहम्मिल अफ़राद के नाम से मौसूम किया गया है।

तरक़्क़ी के नाम पर मुल्क का इक़तिदार हासिल करने के बाद नरेंद्र मोदी ने अपने खु़फ़ीया एजंडा को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है। मोदी ने हिंदूतवा के एजंडे को लागू करने के लिए ही मुल्क का इक़तिदार-ए-आला हासिल किया है।

नरेंद्र मोदी ने बिलकुल ख़ामोशी और मुनज़्ज़म तरीके से सैकूलर मुख़ालिफ़ मंसूबों पर अमल आवरी शुरू कर दी है। सरकारी इस्कीमात को आर एस एस लीडरान के नाम से मौसूम करते हुए नरेंद्र मोदी ने देही इलाक़ों के घर घर में आर एस एस का नाम और पैग़ाम पहुंचाने की कामयाब कोशिश की है।