सरकारी इस्कीमात पर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना हुकूमतों का ग़ैर वाज़िह मौक़िफ़

आंध्र प्रदेश की तक़सीम के बाद दोनों रियासतों में जारीया इस्कीमात पर अमल आवरी के सिलसिले में हुकूमतों के ग़ैर वाज़िह मौक़िफ़ के बाइस इस्कीमात की बरक़रारी के ताल्लुक़ से ओहदेदारों में उलझन पाई जाती है।

एससी , एसटी , बी सी और अक़लियती तबक़ात से ताल्लुक़ रखने वाले ग़रीब ख़ानदानों को बैंकों से मरबूत सब्सीडी की फ़राहमी से मुताल्लिक़ इस्कीम पर अमल आवरी तात्तुल का शिकार होचुकी है।

इन तबक़ात की तरक़्क़ी से मुताल्लिक़ कार्पोरेशनों ने अगरचे इस्तेफ़ादा कुनुन्दगान का इंतिख़ाब करलिया और ज़िला कलेक्टरस की तरफ् से कर्ज़ों की इजराई को मंज़ूरी देदी गई ताहम हुकूमतों ने अभी तक मुताल्लिक़ा कार्पोरेशनों को सब्सीडी की इजराई के बारे में कोई हिदायात जारी नहीं की।

जहां तक अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन में सब्सीडी की फ़राहमी से मुताल्लिक़ इस्कीम पर अमल आवरी का सवाल है , हुकूमत ने बारहा तवज्जा दहानी के बावजूद सब्सीडी की इजराई की इजाज़त नहीं दी।

2 जून को तेलंगाना रियासत के क़ियाम के बाद तमाम इदारों के पी डी एकाऊंटस को मुंजमिद कर दिया गया जिस के बाइस फ़लाही इस्कीमात पर अमल आवरी से मुताल्लिक़ इदारे अमलन मफ़लूज होचुके हैं।