हैदराबाद 29 मार्च: डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर-ओ-वज़ीर माल मुहम्मद महमूद अली ने बताया कि रियासत में एक लाख 25 हज़ार लोगें को पट्टाजात जारी किए गए हैं जो सरकारी आराज़ीयात पर क़ाबिज़ थे। असेंबली में वकफ़ा-ए-सवालात के दौरान एन गोपी नाथ और दूसरों के सवाल पर डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि हुकूमत जहां भी सरकारी अराज़ी होगी, ग़रीबों के पट्टाजात की इजराई में कोई ताम्मुल नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि जी ओ एम एस 58 और 59 के तहत जमिनात को बाक़ायदा बनाने की स्कीम पर अमल किया जा रहा है। जी ओ 58 के तहत एक लाख 20 हज़ार 94 दरख़ास्तों को बाक़ायदा बनाते हुए पट्टा सर्टीफिकेटस जारी कर दिए गए। इस स्कीम से हुकूमत को 261 करोड़ 29 लाख रुपये की आमदनी हुई है।
अप्पोज़ीशन अरकान ने शिकायत की के ग़रीबों को पट्टाजात की इजराई में ताख़ीर की जा रही है और बाज़ स्लम इलाक़ों में ओहदेदार मुख़्तलिफ़ बहाने बनाकर पट्टाजात की इजराई से इनकार कर रहे हैं।
महमूद अली ने कहा कि मज़कूरा स्कीम का मक़सद ही ग़ैर मजाज़ क़ब्ज़ों को बाक़ायदा बनाना है और 100 गज़ से कम अराज़ी को मुफ़्त में बाक़ायदा बनाते हुए पट्टाजात जारी किए जा रहे हैं जबकि दुसरे तामीरात के लिए फ़ीस मुक़र्रर की गई है।
बीजेपी के लक्ष्मण और तेलुगू देशम के वेंकट वीरया ने इस स्कीम के तहत ग़रीबों को नज़रअंदाज करने का इल्ज़ाम आइद किया और कहा कि हुकूमत सिर्फ दौलतमंद तबक़ा के फ़ायदे की कोशिश कर रही है। ई राजिंदर ने इस मौके पर मुदाख़िलत की है और अप्पोज़ीशन के रवैये को तन्क़ीद का निशाना बनाया।
उन्होंने कहा कि हुकूमत के हर इक़दाम पर तन्क़ीद करना मुनासिब नहीं है। उन्होंने कहा कि हैदराबाद और रंगा रेड्डी में अगर सरकारी आराज़ीयात दस्तयाब ना हूँ तो हुकूमत पट्टाजात की इजराई के बजाये ग़रीबों के लिए मकानात तामीर करेगी।