मरीज़ों को मुश्किलात, अर्बाब मजाज़ को तवज्जा देने की ज़रूरत सिरपोर टावन।नअक्टूबर, ( सियासत डिस्ट्रिक्ट न्यूज़ ) सर पर टाॶन मुस्तक़र पर मौजूद सरकारी दवाख़ाना की इमारत निहायत शानदार है और स्टाफ़ भी लग भग मौजूद है, ताल्लुक़ा सर पर टाॶन के पाँच मंडलों में सब से बड़ा सरकारी दवाख़ाना सिरपोर टावन का दवाख़ाना कहलाता है।सिरपोर टावन के मंडलों के इलावा अतराफ़-ओ-अकनाफ़ के इलाक़ों और पड़ोसी रियासत महाराष्ट्रा के भी मुख़्तलिफ़ इलाक़ों से लोग ईलाज केलिए सर पर टाॶन के सरकारी दवाख़ाना को आते हैं। चंद दिनों से सरकारी दवाख़ाना सर पर टाॶन मैं अदवियात की क़िल्लत और मरीज़ों में मुफ़्त दी जाने वाली अदवियात को अवाम और मरीज़ों में ना दिए जाने पर मरीज़ों में तशवीश पाई जाती है जिस की वजह से मरीज़ों को तशख़ीस के बाद अदवियात दवाख़ाना के बाहर से ख़ानगी तौर पर ख़रीदना पड़ता है। यहां पर इस बात का ज़िक्र करना ज़रूरी होगा कि सरकारी दवाख़ाना सिरपोर टावन मैं रोज़ाना लग भग 400 मरीज़ (O.P)दवाख़ाना को आते हैं। को टाला मंडल, बजोर मंडल, सर पर टाॶन के इलावा दूसरे मुख़्तलिफ़ गाॶं में किए-ओ-दस्त की वबा-ए-आम होगई है, जिस की वजह से सैंकड़ों की तादाद में मरीज़ दवाख़ाना सर पर टाॶन को आते हैं।मआशी तंगदस्ती की वजह से ग़रीब अफ़राद सरकारी दवा ख़ानों का रुख करते हैं लेकिन सरकारी दवाख़ाना में आने के बाद भी अदवियात की ख़रीदी केलिए रक़म ख़र्च करना पड़ रहा है। इस लिए ताल्लुक़ा सर पर टाॶन के अवाम और खासतौर पर सरकारी दवाख़ाना के मरीज़ों का मुतालिबा है कि जल्द अज़ जल्द सरकारी दवाख़ाना सर पर टाॶन मैं अदवियात की फ़राहमी करते हुए ग़रीबों की मदद करें। अगर सरकारी दवाख़ाना में मुफ़्त अदवियात की फ़राहमी बंद करदी गई तो वो दिन दूर नहीं जब सरकारी दवाखाने वीरान होजाएंगे और ख़ानगी दवा ख़ानों का रुख करने पर ग़रीब अवाम मजबूर होजाएंगे।