सरकारी दफ़ातिर में उर्दू तर्जुमान की तक़र्रुरी का मुतालिबा

निज़ामाबाद, ०७ जनवरी, ( ज़रीया फैक्स) जनाब सैयद असद एडीटर रोज़नामा आज का तेलंगाना ने रियास्ती वज़ीर सुदर्शन रेड्डी, ज़िला कलेक्टर डी विरह प्रसाद के तवस्सुत से चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी को एक याददाश्त रवाना करते हुए रियासत के तेराह अज़ला में उर्दू ज़बान पर दूसरी सरकारी ज़बान की हैसियत से सद फ़ीसद अमल आवरी का मुतालिबा किया है।

जनाब सैयद असद ने इस याददाश्त में बताया कि तेलगुदेशम दौर-ए-हकूमत में रियासत के 8अज़ला में उर्दू को दूसरी सरकारी ज़बान का मौक़िफ़ दिया गया। बादअज़ां राज शेखर रेड्डी दौर-ए-हकूमत में मज़ीद 5अज़ला में उर्दू को दूसरी सरकारी ज़बान का दर्जा दिया गया। ताहम उन अज़ला में उर्दू ज़बान पर अमल आवरी नहीं की जा रही है। सरकारी मह्कमाजात में उर्दू के तर्जुमान की जायदादों पर तक़र्रुत अमल में नहीं आरहे हैं और ना ही सरकारी दफ़ातिर में उर्दू का चलन ही। जनाब सय्यद असद ने चीफ़ मिनिस्टर से परज़ोर मुतालिबा किया कि सरकारी दफ्तर में उर्दू के तर्जुमान का तक़र्रुर अमल में लाया जाए।

इलावा अज़ीं जनाब सैयद असद ने एक और याददाश्त रवाना करते हुए डी पी आर ओ निज़ामाबाद में उर्दू तर्जुमान की जायदाद पर तक़र्रुर अमल में लाने का भी मुतालिबा किया। उन्हों ने कहा कि करीमनगर डी पी आर ओ में उर्दू तर्जुमान को मुक़र्रर किया गया लेकिन निज़ामाबाद जैसे ज़िला में डी पी आर ओ पर उर्दू तर्जुमान का तक़र्रुर नदारद है। उन्हों ने सरकारी दफ़ातिर में उर्दू ज़बान पर अमल आवरी के साथ साथ डी पी आर ओ निज़ाम आबाद में उर्दू तर्जुमान का तक़र्रुर अमल में लाने का परज़ोर मुतालिबा किया है। जनाब सैयद असद के मुताबिक़ उर्दू ज़बान को रोज़गार से मरबूत करने की सूरत में ही इस ज़बान के हक़ को अदा किया जा सकता है। बसूरत-ए-दीगर हुकूमत और उर्दू ज़बान से हमदर्दी करने वालों के ज़बानी वायदे काम नहीं आयेंगे