कोलकता, १८ (पी टी आई)मग़रिबी बंगाल में शहर कोलकता के इलावा दीगर अज़ला ( जिलो) में आमद-ओ-रफ़त का निज़ाम उस वक़्त शदीद तौर पर मुतास्सिर हुआ जब ख़ानगी ( निजी/ Private) बस आपरेटर्स ने किरायों में फ़ौरी इज़ाफ़ा का मुतालिबा करते हुए हड़ताल कर दी ।
तक़रीबन 37000 ख़ानगी ( निजी) बसों के यूं अचानक सड़क से ग़ायब हो जाने पर मुसाफ़िरों को शदीद मुश्किलात का सामना करना पड़ा । बसों की इन तादाद के ज़रीया रोज़ाना 40लाख मुसाफ़िरैन इस्तिफ़ादा करते ( फायदा उठाते) हैं और हड़ताल के बाद हालात किस क़दर परेशानकुन हुए होंगे इस का अंदाज़ा बख़ूबी लगाया जा सकता है ।
पुलिस के मुताबिक़ सरकारी बसें हालाँकि चलाई जा रही थीं लेकिन बसों की महिदूद ( सीमित) तादाद की वजह से उन में इस क़दर भीड़ थी के बेशतर ( ज्यादातर) मुसाफ़िर ख़िदमात से इस्तिफ़ादा नहीं कर सके । शहर में जगह जगह मुसाफ़िरो की कसीर ( ज्यादा) तादाद आटो रिक्शाओं और टैक्सियो के इंतिज़ार में देखी गई जो मुँह मांगा किराया वसूल कर रहे थे ।
इलावा अज़ीं ( इसके अतिरिक्त) कश्तीरानी और मेट्रो रेल के ज़रीया भी सफ़र करने वालों की भी तादाद मौजूद थी । शुमाली बंगाल के इलावा दीगर अज़ला ( दूसरे जिलो) से भी ख़ानगी बस आपरेटर्स की हड़ताल की ख़बरें मौसूल हुई हैं ।
डीज़ल की क़ीमतों में 5 रुपय फ़ी लीटर के इज़ाफ़ा के बाद ख़ानगी बस आपरेटर्स ने किरायों में इज़ाफ़ा का मुतालिबा करते हुए ग़ैर मुअय्यना हड़ताल कर दी है । क़ब्लअज़ीं वज़ीर ट्रांसपोर्ट मुदुन मित्रा ने कहा था कि ख़ानगी बस आपरेटर्स की हड़ताल के पेशे नज़र मुसाफ़िरो की मुश्किलात को कम से कम करने के लिए सरकारी बसों की ज़ाइद तादाद चलाई जाएगी ।
यहां इस बात का तज़किरा भी दिलचस्पी से ख़ाली ना होगा कि ममता बनर्जी ने 20 सितंबर को भारत बंद के ऐलान की ताईद की है लेकिन मुल्क के दीगर क़ाइदीन ( लीडर) उन से मुत्तफ़िक़ नज़र नहीं आते । शिवसेना एग्ज़ीक्यूटिव सदर उद्धव ठाकरे ने कहा कि वो ममता बनर्जी के बंद की ताईद ज़रूर करते हैं लेकिन गणेश त्योहार के पेशे नज़र रियासत महाराष्ट्रा अमली तौर पर बंद नहीं रहेगी क्योंकि ऐसा करने से गणेश अकीदतमंदों को मुश्किलात का सामना करना पड़ेगा ।