सरकारी महकमों में मुसलमानों का तनासुब इंतिहाई कम

आंध्र तेलंगाना इंज़िमाम से क़ब्ल रियासत हैदराबाद के सरकारी मह्कमाजात में मुसलमानों का तनासुब बीस फ़ीसद से ज़्यादा था मगर मुत्तहदा रियासत आंध्र प्रदेश में अंग्रेज़ी ज़बान से अदम वाक़िफ़ीयत को बुनियाद बनाकर इलाक़ा तेलंगाना के मुसलमानों को सरकारी मुलाज़मतों से महरूम करने का अमल शुरू हुआ और आज सरकारी महकमों में मुसलमानों का तनासुब चार फ़ीसद से कम है।

सदर तेलंगाना गज़ेटेड ऑफीसर्स एसोसिएशन वो टी जे ए सी स्ट्रींग कमेटी रुक्न मिस्टर देवी प्रसाद ने मुजव्वज़ा तेलंगाना रियासत में मुसलमानों को तमाम शोबे हयात में तहफ़्फुज़ात पर इज़हारे ख़्याल के दौरान ये बात कही। उन्हों ने कहा कि अंग्रेज़ी ज़बान से अदम वाक़िफ़ीयत को बुनियाद बनाकर मुसलमानों को मुलाज़मत से महरूम कर दिया गया जबकि आंध्र से लाए गए अफ़राद को सिर्फ़ तेलुगु ज़बान से वाक़िफ़ीयत की बुनियाद पर तक़र्रुर करते हुए मुसलमानों की मख़लुवा जायदादों को पुर करने का काम किया गया।

उन्हों ने कहा कि आसिफ़ जाहि दौरे हुकूमत में उर्दू और तेलुगु ज़बान को मुसावी मुक़ाम दिया गया था मगर तेलंगाना में आन्ध्राई क़ाइदीन और मुलाज़मीन की इजारादारी में उर्दू ज़बान के साथ तास्सुब की ना सिर्फ़ शुरूआत हुई बल्कि उर्दू दां तबक़ा को रोज़गार से महरूम रखते हुए उन की मईशत को भी कमज़ोर बना दिया गया। मिस्टर देवी प्रसाद ने आन्ध्राई हुक्मरानों और क़ाइदीन पर रियासत के सरकारी महकमों को नज़र अंदाज करने का इल्ज़ाम आइद करते हुए कहा कि आन्ध्राई हुक्मरानों का तर्ज़े अमल वर्ल्ड बैंक के इशारों पर काम करने का है।

उन्हों ने कहा कि 2.5 लाख मुलाज़मीन का तेलंगाना में फ़िलफ़ौर तक़र्रुर लाज़िमी है जिस में मुसलमानों को आबादी के तनासुब से बारह फ़ीसद तहफ़्फुज़ात ज़रूरी हैं। उन्हों ने कहा कि आला सतही कमेटी क़ायम करते हुए सरफ़ख़ास और औक़ाफ़ आराज़ीयात के हुए इस्तिहसाल की तहक़ीक़ात जाए और आन्ध्राई क़ाइदीन और सरमाएदारों के क़ब्ज़े से उन आराज़ीयात को हासिल करते हुए ग़रीब और मआशी तौर पर पसमांदा तबक़ात के हवाले किया जाए।