हैदराबाद 15 अक्टूबर ( सियासत न्यूज़ )ऐसे वक़्त जबकि तलंगाना मुलाज़मीन गुज़शता 32 दिन से हड़ताल में हिस्सा ले रहे हैं मुलाज़मीन जवाइंट ऐक्शण कमेटी के सदर स्वामी गौड़ ने आज सयासी क़ाइदीन को सख़्त तन्क़ीद का निशाना बनाया । तलंगाना यूनाईटिड फ्रंट के इजलास से ख़िताब करते हुए स्वामी गौड़ ने कहा कि आम हड़ताल सिर्फ सरकारी मुलाज़मीन की हड़ताल में तबदील होचुकी है और सियासतदानों को सरकारी मुलाज़मीन की परेशानी से कोई दिलचस्पी नहीं । उन्हों ने रेमार्क किया कि क़ाइदीन दिन में एहतिजाज कररहे हैं और रात में कारोबार । उन्हों ने सयासी क़ाइदीन को सख़्त तन्क़ीद का निशाना बनाया और कहा कि सयासी क़ाइदीन तलंगाना एहतिजाज से सिर्फ ज़ाहिरी हमदर्दी का इज़हार कर रहे हैं उन्हों ने कहा कि गुज़शता 32 दिन से मुलाज़मीन हड़ताल पर हैं और वो मआशी मसाइल का शिकार हो चुके हैं लेकिन किसी भी क़ाइद ने उन के इस बोहरान के बारे में फ़िक्र नहीं की । सरकारी मुलाज़मीन ग़रीब और मुतवस्सित घरानों से ताल्लुक़ रखते हैं और तनख़्वाहें ना मिलने के सबब वो दुसहरा तहवार नहीं मनासके । स्वामी गौड़ ने इंतिहाई जज़बाती अंदाज़ में कहा कि तनख़्वाहें ना मिलने के सबब सरकारी मुलाज़मीन ने अपने बच्चों के साथ किस तरह ईद मनाई वही जानते हैं । बच्चों को समझाने केलिए सरकारी मुलाज़मीन को काफ़ी दुख झेलने पड़े लेकिन इन ख़ानदानों की किसी को फ़िक्र नहीं है । हड़ताल से सब से ज़्यादा नुक़्सान सरकारी मुलाज़मीन का होरहा है और क़ाइदीन सिर्फ़ ज़बानी जमा ख़र्च कररहे हैं । स्वामी गौड़ ने बताया कि अब तक सरकारी मुलाज़मीन को 780 करोड़ रुपय का नुक़्सान होचुका है उन्हों ने कहा कि हड़ताल का सारा बोझ सरकारी मुलाज़मीन पर डाल दिया गया और क़ाइदीन मज़े में हैं । क़ाइदीन का ये हाल है कि वो दिन में आकर रास्ता रोको एहतिजाज में हिस्सा लेते हैं और वापसी के साथ ही अपने कंट्टर एक्ट और दूसरे कारोबार शुरू होजाते हैं । उन्हों ने मुलाज़मीन के साथ क़ाइदीन के रवैय्या पर शदीद रद्द-ए-अमल का इज़हार किया और कहा कि इन के मसाइल को पूछने वाला कोई नहीं जबकि तनख़्वाहों से महरूमी के सबब मुलाज़मीन कई मसाइल से दो-चार हैं । स्वामी गौड़ ने कहा कि सयासी क़ाइदीन को अपने रवैय्या में तबदीली करनी होगी उसी वक़्त ये एजीटशन कामयाब होसकता है