नई दिल्ली: सरकारी मुलाज़िमतों में मुसलमानों की नुमाइंदगी में इज़ाफ़ा हुआ है । गुज़िश्ता 3 साल के दौरान सरकारी मुलाज़िमतों में अक़िलियतों को रोज़गार हासिल हुआ , मर्कज़ी वज़ीर जितेंद्र सिंह ने आज ये बात बताई। इन्होंने लोक सभा में एक तहरीरी सवाल का जवाब देते हुए दुरुस्त आदाद ज़ाहिर करने से गुरेज़ किया अलबत्ता फ़ीसद के एतबार से तफ़सील पेश की और कहा कि साल 2012-13 मैं अक़िलियतों को सरकारी मुलाज़िमतों में 6.91 फ़ीसद नुमाइंदगी हासिल थी जबकि 2013-14 में 7.89 फ़ीसद और साल 2014-15 में 8.70 फ़ीसद मुलाज़िमतें अक़िलीयतों को दी गई थीं।
एक मार्च 2013 को तक़रीबन 37 लाख सरकारी मुलाज़िमतों को मंज़ूरी दी गई थी । विज़ारत की तरफ से अपलोड करदा डाटा के मुताबिक़ सरकारी मुलाज़िमतों में दर्ज फ़हरिस्त ज़ातों के ज़मुरा में एक जनवरी 2012 तक 17.48 फ़ीसद थी जबकि एक जनवरी 2013 को ये 17.55 फ़ीसद हुई और एक जनवरी 2014 को 16.55 हो गई।
वज़ीर-ए-ममलकत बराए पर्सोनल , अवामी शिकायात और वज़ीफ़ायाब जतिंद्र सिंह ने मज़ीद कहा कि दर्ज फ़हरिस्त ज़ातों के ज़मरों में सरकारी मुलाज़िमतों में एक जनवरी 2012 को 7.65 और एक जनवरी 7722013 और एक जनवरी 2014 को 8.56 फ़ीसद भी इस आदाद-ओ-शुमार से ज़ाहिर होता है कि मुलाज़िमतों के फ़ीसद में इज़ाफ़ा हुआ है|