मध्य प्रदेश: आम जनता के लिए सरकार और हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा बेहतर ट्रीटमेंट और स्वास्थ्य सुविधाएं देने के जो दावे किये थे शायद उनपर खरा उतरना भूल चुके हैं या फिर आम जनता के लिए कुछ करना इनके बस की बात है ही नहीं। हाल ही के दिनों अलग-अलग गावों से ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिसमें इलाज न होने के कारण मरीजों की मौत हो गई या स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध न कराये जाने की वजह से। ऐसा ही एक मामला सामने आया है मध्य प्रदेश के खरगोन गाँव में। जहां अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में पत्नी का इलाज कराने के लिए पति को अपना खून बेचने की नौबत आ गई।
गांव मेहरघट्टी निवासी गोरेलाल ने बताया कि वह अपनी पत्नी रमिला को डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में लेकर आया था जहाँ वह पिछले 10 दिनों से मेटरनिटी वार्ड में बच्चों के साथ अपनी पत्नी की डिलीवरी का इंतजार कर रहा है, लेकिन वार्ड की बदहाल हालात की वजह से उसकी पत्नी को न तो वार्ड में भर्ती किया गया और न ही वक़्त पर उसका इलाज किया जा रहा है। गोरेलाल का कहना है कि उसके पास बीपीएल कार्ड भी नहीं है और पत्नी की दवाइयों और इंजेक्शनों पर करीब दो हजार रुपए लग चुके हैं वहीं 3 बच्चों को खाने के लिए खाना भी नहीं मिला है। इलाज के लिए पैसे जुटाने के लिए गोरेलाल ने एक आदमी को खून दिया जिसके लिए आदमी ने 500 रुपए दिए। अब इन्ही पैसों से वह पत्नी का इलाज करवा रहा है।