सरकार ए मदीना (स.व.) का जन्म आलमीन‌ (वीश्व की प्रजा) के लिए हिदायत का जरीया

अरब के अख़लाक़ी(स्वभावीक‌) हालात बहूत ही खराब‌ थे । जीहालत ने इन में मुर्ती पुजा को जन्म दिया था । और मुर्ती पुजा की फीट्कार ने उन के इंसानी दिल-ओ-दिमाग़ पर क़ाबिज़ हो कर उन को तवह्हुम परस्त(अंध वीश्वासीक‌) बना दिया था ।

वो ज़ाहिरी फ़ित्रत की हर चीज़ पथ्थर , दरख़्त चांद सूरज पहाड़ समूंद्र वगैरा को अपना माबूद(ईश्वर)समझने लगे और अप्नी ओर् से बनायी हूई मिट्टी और पत्थर की मूर्तियों की पुजा करते थे ।

ईन वीचारों को कूल हिंद रहमत आलम कमेटी डीवीज़न भूले साहब का मक़्ता सोमाजी गौड़ा से मर्कज़ी मीलाद उन्नबी (सल.) सभा से मौलाना मुहम्मद नासिर रज़ा ख़ां ( उत्तरप्रदेश ) ने बयान किया ।
मेहमान ए ख़ुसूसी की हैसियत से जनाब मुहम्मद शाहिद इक़बाल कादरी सदर रहमत आलम कमेटी ने शिरकत की ।

जलसा की शूरूआत‌ मलिक मुहम्मद इस्माईल कादरी की क़िरात ए कलाम पाक से हुई । और हजरत् मूहम्मद्(स.व.)के दरबार मे नाअत का नज्राना मुहम्मद खलील कादरी , मुहम्मद सैयद ग़ौस पाशाह , मुहम्मद यूसुफ़ कामिल ने पेश् कीया ।

मौलाना सैयद सादात पीर बग़्दादी ( सरपरस्त रहमत आलम कमेटी ) ने कहा आज हिंदूस्तान , पाकिस्तान , अफ़्ग़ानिस्तान अमरीका लंदन , तुर्किस्तान , श्रीलंका , बल्कि सारी दुनिया में मीलाद उन्नबी(सल.) की खूशीयों मनायी जा रही है । सभाओं के ज़रीया अमन-ओ-सलामती (शूख शान्ती) का पैग़ाम दिया जा रहा है । जूलूसों के ज़रीया मुस्ल्मानों को मुत्तहिद होने(मेल मीलाप रखने ) और रसूल के ग़ुलाम होने का सबूत दिया जा रहा है । बग़्दादी ने मुस्लमानों को दावत फ़िक्र देते हुए कहा कि मुस्लमानों को चाहीए कि नबी की सून्न्तों पर अमल करें । अल्लामा इक़बाल अहमद रज्वी ने कहा कि जब अल्लाह तआला ने नूर ए मुहम्मदी को पैदा किया तो उस वक़्त सिवाए अल्लाह के कुछ ना था ना अर्श था ना फ़र्श ना आसमान ना ज़मीन सब से पहले अल्लाह ने नबी के नूर को पैदा किया । फिर नबी के नूर से अल्लाह ने सारे आलम(सारे विश्व) को पैदा फ़रमाया । जनाब हिदायत उल्लाह ख़ां अरशद नायब मोतमिद रहमत आलम‌ कमेटी ने निज़ामत के फ़राइज़ अंजाम दीए