लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित करते हुए उसपर पर रोक लगायी, लेकिन बुधवार को ही ऐतिहासिक निर्णय के चंद घंटे बाद मेरठ जिले के सरधना में एक गर्भवती महिला को उसके पति सिराज खान ने तीन तलाक दे दिया. यह न्यायालय के आदेश की अवमानना है, ऑल इंडिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक पर रोक के बावजूद ऐसे मामले सामने आने पर चिंता जतायी. बोर्ड ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह इसकी सजा तय भी तय करे. इस मामले में अपनी मांग को लेकर। बोर्ड कोर्ट का दरवाजा खटखटायेगा.
शाइस्ता ने कहा कि बोर्ड को यह एहसास हो रहा है कि मौजूदा हाल में तीन तलाक को लेकर मुस्लिम समाज सरकार और अदालत के उलझावे में फंस जायेगा। अदालत ने जहां संसद से तीन तलाक को लेकर कानून बनाने को कहा है, वहीं सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ही कानून बताकर अपना पल्ला झाड़ती नजर आ रही है. कहीं ऐसा ना हो कि तीन तलाक का मामला किसी अंजाम पर पहुंचने के बजाय अधर में ही लटक जाये और मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय जारी रहे.
सरकार और कोर्ट इस मामले पर अपना रख स्पष्ट करें, नहीं तो सड़कों पर आंदोलन किया जायेगा