सरकार का फैसला, 300 से ज्यादा दवाइयों की बिक्री पर रोक

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नई दिल्ली। हुकूमत ने 300 से ज्यादा दवाइयों के बनाने और उनकी बिक्री पर रोक लगा दी है। जिन दवाइयों पर रोक लगी है उनमें दो ऐसे कफ सिरप भी शामिल हैं, जिनकी सरकार की अनुमति के बगैर बड़े पैमाने पर बिक्री हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को इस बारे में जानकारी दी।

सरकार के ताजा फैसले का मकसद देश में ऐसी दवाइयों का दुरुपयोग रोकने का है। साल 2014 में देश में बिकीं दवाइयों में आधी करीब इसी कैटिगरी (फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशंज) की थीं। दरअसल, दवा कंपनियां राज्यों के अलग-अलग कानूनों का फायदा उठाकर ऐसी दवाइयां देश के बाजारों में लाती हैं।

साल 2014 में एक कमिटी गठित कर उसे उन 6,000 कॉम्बिनेशन दवाइयों की जांच-पड़ताल करने का जिम्मा सौंपा गया जिन्हें सिर्फ स्टेट रेग्युलेटर्स से अनुमति लेकर बाजार में उतारा गया था। हेल्थ मिनिस्ट्री में जॉइंट सेक्रटरी के. एल. शर्मा ने बताया, ‘प्रॉडक्ट्स के आकलन के आधार पर 300 से ज्यादा दवाइयों को प्रतिंबंधित कर दिया गया है।’

उन्होंने उन दवाइयों के नाम तो नहीं बताए, लेकिन कहा कि कुछ ही दिनों में पाबंदी की घोषणा से संबंधित एक आधिकारिक नोटिस जारी किया जाएगा। शनिवार को ही टाइम्स ऑफ इंडिया में सूत्रों के हवाले से छपी रिपोर्ट में कहा गया कि प्रतिबंधित दवाइयों में कोडेइन आधारित कफ सिरप फेंसेडिल और कॉरेक्स शामिल हैं।

गौरतलब है कि अमेरिकी दवा कंपनी ऐबट लैबरेट्रीज द्वारा निर्मित फेंसेडिल का भारत में कफ सिरप मार्केट के एक तिहाई हिस्से पर कब्जा है। इसी वजह से कंपनी को भारत से होने वाली 1 अरब डॉलर की आमदनी में अकेले फेंसेडिल का योगदान 3 प्रतिशत से ज्यादा का है। वहीं, कॉरेक्स का निर्माण भी अमेरिकी कंपनी फाइजर ही करती है।