रांची : वज़ीरे आला रघुवर दास ने कहा है कि एक साल के मुद्दत में उनकी सरकार ने चार सालों के तरक्क्की की लायन खींची है। रियासत की तरक्की को सिम्त दी है़। अगले पांच सालों में झारखंड मुल्क के तरक्की रियासतों शामिल होगा। रियासत के आखरी सख्श तक तरक्क्की की रौशनी पहुंचेगी। उन्होंने हुकूमत, ओपोजिशन और आम अवाम से रियासत की तरक्क्की के लिए मुत्तहिद होने का एलान किया। हुकूमत के एक साल पूरे होने पर वज़ीरे आला अपने रियाहिशगाह पर पीर को सहाफियों से बात कर रहे थे़। इस दौरान उन्होंने बदलता झारखंड, ‘एक साल सर्विस व कोशिश ’ नामी बुक और झारखंड सरकार की डायरी व टेबल कैलेंडर लांच किया़।
वज़ीरे आला ने कहा साबिक में झारखंड के तरक्क्की को लेकर जो नागेटिव पैगाम था, वहां उम्मीदों का उजियारा हुआ है और मुख्तलिफ सतहों पर तरक्की की बुनियाद रखी गयी। सरकार का टारगेट समाज के आखरी पायदान पर बैठे सख्श को हक दिलाना है। अवाम से किये गये वादे को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे़ 2015–16 के बजट में जो वादे किये गये थे, उस पर सरकार ने कितना काम किया, इसके लिए 2016–17 के बजट के पहले एवान में एटीआर पेश की जायेगी।
वज़ीरे आला ने कहा एक साल के मुद्दत के दौरान तमाम ओपोजिशन पार्टियों का मदद मिला है। झारखंड एसेम्बली के तारीख में पहली बार ओपोजिशन पार्टियों ने कट मोशन के दौरान परपोजल वापस लिया था। उन्होंने कहा सी–सैट की तजवीज गुजिश्ता सरकार में लाया गया था। पर ओपोजिशन और तालिबे इल्म भी इसके खिलाफ थे, तब सरकार ने एक सप्ताह में इसे वापस ले लिया। सरकार ओपोजिशन का भी इज्ज़त करती है। 14 सालों में रियासत की बहुत बदनामी हो चुकी है। अब वक़्त आ गया है कि हुकूमत, ओपोजिशन और आम अवाम से मिल कर पांच साल में झारखंड को तरक्की रियासत बनायें।
मुकामी पालिसी के सवाल पर उन्होंने कहा तमाम सियासी पार्टियाँ और दानिश्वरमंद के साथ सरकार ने बैठक की़ लेकिन उसके पोजिटिव नतीजे नहीं आये। इसलिए सबकी राय ली जा रही है। बैठक में सियासी पार्टी कुछ बोलते थे और मीडिया में कुछ और। इसलिए सबसे तहरीरी सुझाव मांगा गया। आज तक किसी ने तहरीरी सुझाव नहीं दिया है। एक बार फिर सबसे तहरीरी सुझाव की दरख्वास्त किया है। सुझाव आने के फ़ौरन बाद सरकार मुकामी पालिसी पर फैसला लेगी।