मुंबई। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश की सरकारों के बारे में कहा कि राज करने के लिए बहुमत नहीं बल्कि सर्वमत चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैंने कई प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है। उनसे कई चीजें सीखीं हैं। मौजूदा प्रधानमंत्री के काम करने का अपना तरीका है। मैं उनकी कड़ी मेहनत की सराहना करता हूं।’
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में शुक्रवार को कहा कि वह अकेले ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिनकी काम करने की शैली पूरी तरह अलग थी। वाजपेयी साथ काम करने वालों की कद्र करना जानते थे। मुखर्जी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की भी सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने मंत्रियों को काम करने की छूट दी थी।
मुखर्जी ने देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू का जिक्र करते हुए कहा कि मेरी जिंदगी पर सबसे बड़ा प्रभाव पंडित जवाहरलाल नेहरू का था। पंडित नेहरू ने संसद को जीवंत बनाया।
उन्होंने व्यक्ति पूजा को हतोत्साहित किया। राष्ट्रपति ने सरदार पटेल के बारे में कहा,’उन्होंने देश को जोड़ने का काम किया।’ उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जिक्र कर कहा, ‘इंदिरा गांधी एक बहुत मजबूत नेता और सबसे प्रभावशाली प्रधानमंत्री थीं। उनकी राजनीति का चरम बांग्लादेश की आजादी था।’
यूपीए सरकार में रक्षा मंत्री का पद छोड़कर देश के 13वें राष्ट्रपति बने प्रणब ने कहा कि वह संसद में दो साल और काम करना चाहते थे। लेकिन संवैधानिक दायित्व ने ऐसा नहीं होने दिया। एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा,’कई जिम्मेदारियां थीं जिन्हें मैं पूरा करना चाहता था।’