लोक पाल बिल में 14 तरामीम को काबीना से मिली मंज़ूरी के अगले दिन समाजी कारकुन अन्ना हज़ारे ने कहा कि जन लोक पाल बिल को दरकिनार कर सरकार लोगों को धोका दे रही है. वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह अपना वाअदा पूरा करने में नाकाम रहे. अन्ना ने फिर अनशन करने की धमकी भी दी.
उन्होंने कहा, जन लोक पाल के लिए हुकूमत से लड़ाई दो साल से चलती आ रही है. हुकूमत मुल्क के लोगों को बार – बार धोका देती रही है.
यहां एक प्रैस कान्फ़्रैंस में अन्ना ने कहा, काबीना ने जिन लोक पाल और हर रियासत में लो का युक्त के क़ियाम का फ़ैसला लिया था. अगर लो का युक्त की तशकील सूबों को करना था तो वज़ीर-ए-आज़म ने हमें ये क्यों लिखा कि मर्कज़ी हुकूमत रियास्तों में लो का युक्त की तशकील के लिए तैय्यार है? उन्होंने अपना वाअदा पूरा नहीं किया.
अन्ना ने कहा, हुकूमत जिस लोक पाल बिल को मंज़ूर कराने की बात कर रही है, इस से मुल्क के लोगों को बदउनवानी से नजात मिलने वाली नहीं है. फिर से अनशन करने की ज़रूरत है, वो में करूंगा.
गौरतलब है कि काबीना ने जुमेरात को लोक पाल बिल में राज्य सभा की प्रवर कमेटी की तरफ़ से मुजव्वज़ा तरामीम की मंज़ूरी दे दी, लेकिन लोक पाल को रियास्तों के लो का युकितो से अलग रखा.
बी जे पी और अन्ना समेत कई समाजी कारकुनों ने मुजव्वज़ा लोक पाल बिल की मुज़म्मत की है और कहा है कि बदउनवानी पर क़ाबू पाने के लिए ये बिल काफ़ी नहीं है.
अन्ना ने कहा, हम चाहते हैं 1, 2, 3 और 4 की हद के हुक्काम को अवामी लोक पाल के दायरे में लाया जाये. हुकूमत पहले इस के लिए तैय्यार थी लेकिन अब कहती है इन आफ़िसरान को जन लोक पाल के दायरे में नहीं लाया जाएगा. उस वक़्त जन लोक पाल बिल का मतलब ही क्या रह गया?
उन्होंने मर्कज़ी तफतीशी ब्यूरो (सी बी आई) को लोक पाल के दायरे में नहीं लाने के लिए भी हुकूमत पर तन्क़ीद की.
अदोलनकारी अन्ना ने कहा, जन लोक पाल के लिए में डेढ़ साल तक मुल्क भर में दवरा करूंगा. (रिटायर्ड आर्मी चीफ़) जनरल वीके सिंह यातराओ में मेरे साथ रहेंगे